(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Bulldozer History: मकान गिराने के लिए नहीं बनाया गया था बुलडोज़र, जानें इसका रोचक इतिहास
बुलडोजर की सबसे बड़ी खासियत है कि इसका इंजन बहुत शक्तिशाली है. इस कारण यह बड़ी से बड़ी चीजों से आसानी से धक्का या तोड़ा जा सकता है.
Bulldozer History: पिछले कुछ समय से आम और खास सभी लोगों के बीच बुलडोजर चर्चा का विषय बना हुआ है. सोशल मीडिया पर भी बुलडोजर छाया हुआ है. लेकिन, क्या आप इसके इतिहास के बारे में जानते हैं. बुलडोजर को किस काम के लिए बनाया गया था? आपको बता दें कि बुलडोजर का आविष्कार मकान गिराने या तोड़फोड़ करने के लिए नहीं बल्कि किसानों की मदद के लिए बनाया गया था.
पहले समय में बुलडोजर का इस्तेमाल किसान अपने खेतों में किया करते थे. बुलडोजर का आविष्कार इंजीनियरिंग की दुनिया के सबसे जरूरी आविष्कारों में से एक है. तो चलिए हम आपको इसके इस्तेमाल के इतिहास के बारे में डिटेल्स से बताते है-
इस तरह हुआ बुलडोजर का आविष्कार
बुलडोजर का आविष्कार James Cummings और J. Earl McLeod ने साल 1923 में 18 दिसंबर को किया था. उस समय इसका आविष्कार करने वाले लोगों को भी यह नहीं पता था कि यह आगे चलकर इंजीनियरिंग, बिल्डिंग गिराने और सड़क बनाने जैसे महत्वपूर्ण काम के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. शुरुआती दौर में बुलडोजर का इस्तेमाल खेती-बाड़ी के लिए किया जाता था. समय के साथ-साथ इसकी उपयोगिता बढ़ने लगी. फिर इसका इस्तेमाल बिल्डिंग बनाने के काम में होने लगा. रेत, मिट्टी बालू आदि की खुदाई और बड़ी कंटरों में भरने के लिए किया जाने लगा.
ट्रैक्टर के साथ होता था बुलडोजर का इस्तेमाल
साल 1925 में 'अटैचमेंट फॉर ट्रैक्टर्स' नाम से इसे पेटेंट करा लिया गया था. बुलडोजर की सबसे बड़ी खासियत थी कि इसका इंजन बहुत शक्तिशाली है. इस कारण यह बड़ी से बड़ी चीजों से आसानी से धक्का या तोड़ा जा सकता है. समय के साथ इसमें कई तरह के बदलाव किए गए. 1940 से पहले बुलडोजर का इस्तेमाल केवल ट्रैक्टर के साथ किया जाता था. इसकी मदद से ज्यादा से ज्यादा खेती की जमीन को कम समय में जोत दिया जाता था.
लेकिन, बाद में इसे ट्रैक्टर से अलग करके एक अलग मशीन ही बना दिया गया. बाद में बुलडोजर के चक्कर में बदलाव करके इसमें रबड़ लगा दिया गया. यह खराब या ऊबड़-खाबड़ रास्तों पर भी आसानी से चल सकता है. बदलते समय के साथ बुलडोजर में कई बदलाव किए गए और आज के समय में इसके मायने बहुत बदल गए हैं. इसके साथ ही अब इसे राजनीति से भी जोड़ दिया गया है.
ये भी पढ़ें-
जम्मू-कश्मीर: बारामूला में सुरक्षाबलों ने लश्कर के आतंकी को मार गिराया, मुठभेड़ में 3 जवान भी जख्मी