Karnataka: रेस के दौरान दर्शकों के दर्शकों के बीच घुसी बैलगाड़ी, एक युवक की मौत, एक अन्य घायल
मांड्या के निकट चिक्कामांड्या में अंतरराज्यीय बैलगाड़ी रेस (Bullock Cart Race) का आयोजन चल रहा था. नागराजू बैलगाड़ी की रेस देखने गया था. इस दौरान बैलगाड़ी दर्शकों के बीच चली गई.
Bullock Cart Race: कर्नाटक में बैलगाड़ी से कुचलकर एक 42 वर्षीय शख्स की मौत हो गई. हादसे में एक लड़का भी घायल हुआ है जिसकी हालत गंभीर बताई जा रही है. घटना राज्य के मांड्या की है. बैलगाड़ी की रेस आयोजित की जा रही थी जिस दौरान ये हादसा हो गया.
पुलिस ने बताया कि बैलगाड़ी की रेस के दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई. घायल लड़के को इलाज के लिए मांड्या आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती कराया गया है, जहां उसका इलाज किया जा रहा है. लड़के की हालत गंभीर है.
मृतक की पहचान नागराजू के रूप में की गई है. वह कीलारा गांव का रहने वाला है.
बैलगाड़ी रेस के दौरान हादसा
पुलिस की जांच में जो बात सामने आई है उसके मुताबिक मांड्या के निकट चिक्कामांड्या में अंतरराज्यीय बैलगाड़ी रेस का आयोजन चल रहा था. नागराजू बैलगाड़ी की रेस देखने गया था. इस दौरान बैलगाड़ी अनियंत्रित हो गई और उसका पहिया युवक के ऊपर से गुजर गया.
पिछले साल दिसम्बर में बैलों के जरिए होने वाले खेलों, जैसे जलीकट्टू और बैलगाड़ी रेस को तमिलनाडु औऱ महाराष्ट्र सरकार द्वारा अनुमति दिए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया था.
कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला
पांच जजों की संविधान पीठ ने सभी पक्षों को सुनने के बाद मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था. इस पीठ में जस्टिस केएम जोसेफ, अजय रस्तोगी, अनिरुद्ध बोस, हृषिकेश रॉय औऱ जस्टिस सीटी रविकुमार शामिल हैं.
तमिलनाडु सरकार ने पहले सुनवाई में सर्वोच्च अदालत को बताया था कि खेल आयोजन सांस्कृति आयोजन भी हैं और जलीकट्टू में बैलों के साथ कोई बर्बरता नहीं होती है.
खेलों का सांस्कृतिक महत्व भी
राज्य की तरफ से पेश हुए वकील ने कोर्ट को बताया कि यह सोच गलत है कि खेल या मनोरंजन कोई सांस्कृतिक महत्व नहीं रखते हैं. दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार से सवाल किया था कि आखिर कैसे लोगों का मनोरंजन करने के लिए जलीकट्टू जैसे खेलों में बैलों का इस्तेमाल किया जा सकता है और यह खेल किस तरह से बैलों की मूल नस्ल को बचाए रखने के लिए जरूरी है.
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