कोरोना महामारी के बीच ओड़िशा में बंपर निवेश, प्रोजेक्ट शुरू होने पर संवर जाएगी राज्य की तस्वीर
कोरोना महामारी के बीच ओड़िशा में बंपर निवेश की प्रक्रिया शुरू हो गई है. अगर ये प्रोजेक्ट काम करना शुरू कर दे तो राज्य की तस्वीर संवर जाएगी.
भुवनेश्वरः कोविड की तबाही के बावजूद ओड़िशा पर पैसा बरस रहा है. बड़ी कंपनियां और नामी गिरामी ब्रांड यहां अरबों रूपये लगाने को तैयार हैं. नवीन पटनायक सरकार इस साल क़रीब 3 लाख करोड़ रूपयों का निवेश लाने में सफल रही है. सरकार ने आज एक बड़े फ़ैसले में 5 मेगा प्रोजेक्ट को मंज़ूरी दे दी है. सीएम नवीन पटनायक के नेतृत्व में हाई पावर कमेटी की भुवनेश्वर में बैठक हुई. इसी मीटिंग में डेढ़ लाख करोड़ रूपयों के प्रोजेक्ट को मंज़ूरी मिली. पटनायक ने एक एक कर सभी प्रोजेक्टर का ब्यौरा लिया.
ओड़िशा की नवीन पटनायक सरकार ने एक लक्ष्य रखा है. अगले नौ सालों में ओड़िशा को देश का इस्पात सेंटर मतलब स्टील हब ऑफ इंडिया बनाने का. इसी लक्ष्य का पीछा करते हुए 5 स्टील प्लांट को लेकर फ़ैसले किए गए. इस फ़ैसले से सरकार को अनुमान है कि 26,959 लोगों को रोज़गार मिलेगा. ऐसे समय में जब कोरोना को लेकर कई लोगों को अपनी नौकरियाँ गँवानी पड़ी हैं. उनका काम धंधा चौपट हो गया है. ओड़िशा के लिए हज़ारों लोगों के रोज़गार का इंतज़ाम हो जाना बड़ी बात है.
जिन प्रोजेक्ट को मंज़ूरी मिली है उसके शुरू हो जाने से ओड़िशा की तक़दीर और तस्वीर संवर जाएगी. संबलपुर के भूषण स्टील प्लांट में उत्पादन की क्षमता बढ़ाई जा रही है. इस काम में क़रीब 55 हज़ार करोड़ खर्च होंगे. क़रीब 10 हज़ार लोगों को नौकरी मिल सकती है. जाजपुर के कलिंगनगर वाले टाटा स्टील प्लांट का भी विस्तार किया जाएगा. इस पर क़रीब 48 हज़ार करोड़ रूपये खर्च होने का अनुमान है. इसी तरह से जिंदल स्टील एंड पावर प्लांट और रूंगटा स्टील प्लांट की क्षमता बढ़ाए जाने का फ़ैसला हुआ है.