नई दिल्लीः दिल्ली के बुराड़ी में 11 लोगों की मौत की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आ गई है और इससे इस मौतकांड के सस्पेंस पर विराम लगता नजर आ रहा है. बुराड़ी परिवार की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या का कोई जिक्र नहीं है. आज परिवार की मुखिया नारायणी देवी की भी पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई है जिसमें साफ हुआ है कि उनकी मौत भी लटकने से हुई थी. इस तरह परिवार के 11 के 11 लोगों की फांसी लगाकर लटकने से मौत होने की पुष्टि हो गई है.


पुलिस को परिवार के दस अन्य सदस्यों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट पहले ही मिल गई थी. जांच अधिकारी ने कल कहा था कि भाटिया परिवार के दस अन्य सदस्यों की पोस्टमार्टम रिपोर्टों में कहा गया है कि लटकने से उनकी मौत हुई है और कुछ खरोंचों के अलावा शवों पर चोट के कोई निशान नहीं पाये गये है. उन्होंने बताया ‘अंतिम राय में कहा गया है कि परिवार के सदस्यों की मौत फंदे पर लटकने के कारण हुई है.’

बुराड़ी के परिवार के 11 लोगों में से 10 के शव लटके हुए पाए गए थे और मुखिया नारायणी देवी का शरीर घर के अंदर के कमरे में फर्श पर पाया गया था. इसके चलते ही उनकी हत्या की आशंका जताई जा रही थी लेकिन आज आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ये साफ हुआ है कि उनकी मौत भी लटकने से ही हुई है.

उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी में एक ही परिवार के 11 सदस्य मृत पाये गये थे. परिवार के दस सदस्यों के शव एक जुलाई को घर में लटके पाये गये थे जबकि नारायण देवी घर के एक अन्य कमरे में फर्श पर पड़ी हुई मिली थी. 77 वर्षीय नारायण देवी की बेटी प्रतिभा (57) और दो पुत्र भवनेश (50) और ललीत (45), भवनेश की पत्नी सविता (48) और उनके तीन बच्चें नीतू (25), मानिका (23) और धीरेन्द्र (15) मृतकों में शामिल हैं. मृत पाये गये अन्य लोगों में ललित की पत्नी टीना (42), उनका 15 वर्षीय पुत्र दुष्यंत और प्रतिभा की बेटी प्रियंका शामिल हैं. प्रियंका की पिछले महीने सगाई हुई थी और इस साल के अंत में उसकी शादी होनी थी.

इससे पहले 9 जुलाई को परिवार के 11 लोगों में से छह लोगों की मौत की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी उनके लटकने से मौत की बात सामने आई थी. उसी दिन बुराड़ी में एक परिवार के 11 लोगों की मौत के मामले में पुलिस ने तांत्रिक थ्योरी से इनकार कर दिया था. घर में मिली डायरी, पाइप आदि के आधार पर यह दावा किया जा रहा था कि 11 लोगों की मौत में धर्म का एंगल है और तांत्रिक ने सभी की मौत में भूमिका निभाई है. हालांकि पुलिस के मुताबिक, मौत में तांत्रिक की भूमिका नहीं है.

इससे पहले बताया जा रहा था कि दिल्ली पुलिस इस केस में साइकोलॉजिकल अटॉप्सी यानी मनोवैज्ञानिक पोस्टमॉर्टम भी करवा सकती है. भारत में इस तरह की वैज्ञानिक जांच बहुत कम मामलों में की गई है. साइकोलॉजिकल अटॉप्सी आत्महत्या के मामलों में किया जाता है. इस तरह की फारेंसिक जांच के पीछे जांचकर्ताओं का मकसद आत्महत्या करने वाले व्यक्ति के दिमाग के अन्दर के तथ्यों का पता लगाना होता है.

11 मौतें: CCTV में फांसी के लिए स्टूल लाते दिखे परिवार के लोग, ललित पर खुदकुशी के लिए उकसाने का शक
बुराड़ी मामला: पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक- फांसी से हुई मौत, तांत्रिक की भूमिका से इनकार

बुराड़ी कांड में नया खुलासा, घर से मिले कई रजिस्टर 2007 से लिखे जा रहे थे