नई दिल्ली: बुराड़ी में एक परिवार के 11 लोगों की मौत के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. पुलिस को एक सीसीटीवी फुटेज मिली है. इस फुटेज में परिवार के कुछ सदस्यों को उन स्टूलों और तारों को लाते देखा जा सकता है, जिनका प्रयोग बाद में फांसी लगाने में किया गया था. पुलिस की जांच से अब तक जो बातें निकल कर आ रही हैं उसके मुताबिक घर के छोटे बेटे ललित ने ही सबको सामूहिक आत्महत्या के लिए उकसाया था.


रात 10 बजे पांच स्टूल लाती दिखीं मां-बेटी

परिवार के घर के सामने वाले घर के बाहर लगे कैमरे के फुटेज में दिखता है कि परिवार की बड़ी बहू सविता और उसकी बेटी नीतू रात 10 बजे पांच स्टूल ला रही हैं. इन्हीं स्टूलों को बाद में परिवार के लोगों ने फांसी लगाने में इस्तेमाल किया था. इतना ही नहीं रात 10.20 पर नीचे की फर्नीचर की दुकान से तार ऊपर लेकर गए, जो सीसीटीवी में है.

11 रजिस्टर भी बरामद

पुलिस ने 11 रजिस्टर भी बरामद किए हैं, जिनमें बीते 11 सालों में लिखा गया है. घर के छोटे बेटे ललित पर शक है कि उसने ही परिवार को खुदकुशी के लिए उकसाया था. पुलिस ने कहा कि डायरियों में लिखी गई बातें कथित खुदकुशी से मेल खाती हैं.  हालांकि रजिस्टर में आत्महत्या की बात नहीं थी, क्योंकि पूजा विशेष के बाद हाथ खोलने का भी जिक्र था.

घर वालों को धमकी देता था ललित 

इस पूरे मामले में जो सबसे चौंकाने वाली बात है वो ये है कि रजिस्टर के मुताबिक, ललित दावा करता था कि सपने में उसके पिता आते हैं जो उसे आदेश देते हैं. अब पूरा परिवार ललित की बात बस इसलिए मानता था, क्योंकि उन्हें लगता था ये ललित के मृत पिता का आदेश है. ललित घर वालों को धमकी भी देता था कि अगर ऐसा नहीं किया तो डैडी ये कर देंगे.

अपने पिता की आवाज़ निकाल रहा था ललित

कहा जा रहा है कि पिछले 11 साल से ललित के सपने में पिता आ रहे थे और 11 साल से वो अपने पिता की आवाज़ निकाल रहा था. परिवार के 11 सदस्यों के अलावा ये बात किसी को पता नहीं थी. पुलिस की जांच में घर से कोई धार्मिक ग्रंथ नहीं मिला है और ना ही कोई स्प्रिजुअल बुक्स. सिर्फ हनुमान चालीसा और गयंत्री मंत्र मिले हैं. पूजा सात दिन से चल रही थी. नौ लोगों ने पांच स्टूल इस्तेमाल किए. छठा स्टूल प्रतिभा को इस्तेमाल करना था.

ये परिवार भाटिया नहीं चुंडावत है- पुलिस

जांच के मुताबिक सब कुछ एक्सीडेंटल हुआ, क्योंकि रजिस्टर में लिखा था कि इस प्रक्रिया के बाद हाथ खोलने थे जैसे कि रजिस्टर में लिखा था. इनका विश्वास था कि इस प्रक्रिया से उनकी शक्तियां बढ़ जाएंगी और सब इसके बाद एक दूसरे के हाथ खोलने में मदद करेंगे. पुलिस ने ये बताया कि ये परिवार भाटिया नहीं चुंडावत है. दरअसल घर की जो बेटी प्रतिभा की शादी भाटी परिवार में हुई थी, वो ट्यूशन पढ़ाती थी. बच्चे उन्हें भाटिया बोलते थे. इसलिए सब उन्हें भाटिया बोलने लगे, क्योंकि दिल्ली में भाटिया ज्यादा है. इसलिए ये लोग भाटिया परिवार के नाम से जाने जाने लगे.

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