National Civil Service Day: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (21 अप्रैल) को राष्ट्रीय लोक सेवा दिवस पर देश भर के सिविल सेवकों को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा, ब्युरोक्रेसी को विश्लेषण करना ही होगा कि राजनीतक दल देश के कर दाताओं के पैसे के इस्तेमाल अपने फायदे के लिए कर रहा है या देश की प्रगति के लिए.
उन्होंने दिल्ली के विज्ञान भवन में मौजूद सिविल सेवकों को संबोधित करते हुए कहा, आज देश जब आजादी के अमृतकाल में प्रवेश कर चुका है तो ऐसे में देश के सिविल सेवकों के महत्व को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.
अधिकारियों को पुरुस्कृत भी किया
प्रधानमंत्री मोदी ने इस कार्यक्रम में अभूतपूर्व कामकाज के लिए पीएम मोदी को उत्कृष्टता पुरस्कार भी प्रदान किए. ये पुरस्कार नागरिकों के जीवन में सुधार लाने के उद्देश्य से जिलों और संगठनों को असाधारण प्रयासों और नई पहलों के लिए दिये जाते हैं. अपने संबोधन में मोदी ने कहा कि लोक सेवकों के छोटे से छोटे फैसलों का आधार भी देश हित होना चाहिए.
लोकतंत्र में राजनीतिक दलों के महत्व का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हर दल की अपनी विचारधारा होती है और संविधान ने हर दल को यह अधिकार भी दिया है लेकिन एक सरकारी कर्मचारी के तौर पर प्रशासनिक अधिकारियों को कुछ सवालों का ध्यान रखना ही पडेगा.
सरकारी धन के इस्तेमाल पर रखें कड़ी नजर
प्रधानमंत्री ने कहा, जो राजनीतिक दल सत्ता में आया है क्या वह करदाताओं के पैसों का इस्तेमाल अपने दल के हित के लिए कर रहा है या देश के हित के लिए कर रहा है? उसका इस्तेमाल कहां हो रहा है ? यह आप लोगों को देखना ही होगा. उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल अपने विस्तार में सरकारी धन का इस्तेमाल कर रहा है या देश के विकास में उन पैसों का उपयोग कर रहा है, वह अपना वोट बैंक बनाने के लिए सरकारी धन लुटा रहा है या सभी का जीवन आसान बनाने के लिए काम कर रहा है... ?