नई दिल्ली: सुरक्षाबलों ने आतंक के खिलाफ आर पार की लड़ाई शुरू की है. जम्मू कश्मीर में सुरक्षाबलों ने कल 24 घंटे में सेना ने 10 आतंकवादियों को मार गिराया. इन दस आतंकियों में बुरहान वानी का उत्तराधिकारी हिजबुल कमांडर सबजार बट भी शामिल था.
सेना के ऑपरेशन से सबजार को बचाने के लिए आतंकियों ने घाटी में मोबाइल मैसेज से अपील भी की थी. इस अपील का कोई भी असर होता इससे पहले ही सेना ने सबजार बट को मार गिराया.
क्या लिखा है आतंकियों के मैसेज में ?
सुरक्षाबलों को एक आतंकी के मोबाइल से जो मैसेज मिला है, उसमें सबजार बट को बचाने की अपील करते हुए लिखा गया है, ''सबजार भाई त्राल में फंस गए हैं. सभी नौजवान त्राल पहुंचे और अपने प्यारे मुजाहिद भाई को सुरक्षित रास्ता देकर बचाएं.''
मैसेज में आगे लिखा है, ''हमें बिपिन रावत को दिखा देना है कि कश्मीर का हर नौजवान मुजाहिद है और वो अपनी मातृभूमि कश्मीर के लिए अपनी जान दे सकता है. इस मैसेज को सभी ग्रुप में फॉरवर्ड करें.'' आतंकियों का ये मैसेज कश्मीर के उन पत्थरबाजों के लिए था जो सुरक्षाबलों के सर्च ऑपरेशन में बाधा पहुंचाने का काम करते हैं.
आतंकी ऐसे मैसेज क्यों करते हैं ?
दरअसल जैसे ही पत्थरबाजों को खबर मिलती है कि सुरक्षाबल किसी आतंकी को मारने के लिए घेराबंदी कर रहे हैं, तो वो उस जगह पर पहुंचकर पथराव शुरू कर देते हैं और तब मौका देखकर आतंकी फरार हो जाता है. हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर सबजार बट्ट को बचाने के लिए भी आतंकियों ने यही चाल चली थी लेकिन उनकी साजिश नाकाम हो गई.
कहां हुआ सबजार का एनकाउंटर
सबजार बट्ट का एनकाउंटर श्रीनगर से 36 किलोमीटर दूर त्राल के सोईमोह गांव में हुआ है. सुरक्षाबलों को 26 मई को खबर मिली थी कुछ आतंकी इस गांव में छुपे हुए हैं. खबर मिलने के साथ सुरक्षाबलों ने इलाके की नाकेबंदी शुरू कर दी लेकिन उन्हें कामयाबी मिली 27 मई को.
कौन था सबजार बट?
सुरक्षाबलों ने जिन आतंकियों को मार गिराया है उसमें सबसे बड़ा नाम सबजार बट्ट और फैजान बट्ट का है. सबजार बट्ट उसी बुरहान वानी के बचपन का दोस्त था जिसे पिछले साल जुलाई में सुरक्षाबलों ने मार गिराया था. बुरहान से उसकी नजदीकी के कारण उसे ही उसका वारिस माना जाता था. बुरहान वानी के मारे जाने के बाद जाकिर मूसा हिजबुल का कमांडर बन गया.
पिछले दिनों जब मूसा ने हिजबुल छोड़कर ISIS में शामिल हो गया तो सबजार भट्ट ने हिजबुल की कमान संभाली. बुरहान वानी की तरह सबजार बट्ट भी त्राल का रहने वाला था. बुरहान के कहने पर सबजार 2015 में हिजबुल से जुड़ा और दक्षिण कश्मीर में आतंक का नेटवर्क बनाने में लग गया था.