व्यापारी बिमल अग्रवाल का दावा- सचिन वाजे के लिए एक नंबर मतलब पुलिस कमिश्नर थे, BMC ठेकेदार से भी वसूली की तैयारी थी
वसूली मामले में फंसे मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह और सचिन वाजे को लेकर व्यापारी बिमल अग्रवाल ने एक बड़ा खुलासा किया है.
मुंबई: वसूली मामले में फंसे मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह और सचिन वाजे को लेकर व्यापारी बिमल अग्रवाल ने एक और खुलासा किया है. हालांकि, गोरेगांव पुलिस को दी अपनी शिकायत में बिमल ने कहा कि वाजे के लिए एक नंबर मतलब परमबीर सिंह थे.
अपने स्टेटमेंट में बिमल ने कहा कि बार, रेस्टोरेंट और बुकी के बाद उनका अगला निशाना बीएमसी के कांट्रेक्टर थे. बिमल ने पुलिस को बताया की वाजे को यह पता चला था कि मुंबई महानगर पालिका में कई सारे सिविल ठेकेदार के खिलाफ शिकायत हुई है. मैं बीएमसी में कॉन्ट्रैक्ट लेता हूं. इस बात की जानकारी वाजे को थी. इस वजह से उसने मुझे 12 फरवरी को सीआईयू के ऑफिस में बुलाया और इस बारे में पूछा और कहा कि स्वस्तिक कंस्ट्रक्शन के प्रीतेश गोदानी और संजय हिरणी के खिलाफ जो अल्लारखा नाम के शख़्स ने शिकायत की है क्या इस बारे में मुझे जानकारी है.
वाजे ने मुझसे उस शिकायत की कॉपी मांगी और कहा कि उसे इस मामले में कौन कौन से ठेकेदार और बीएमसी अधिकारी शामिल है, इसकी जानकारी मांगी. जिसके बाद बिमल ने वाजे से कहा कि भाई अपना तो पुलिस का काम है. होटल बुकी यहां तक तो ठीक है ये बीएमसी ठेकेदार का अपना क्या सम्बंध? जिसके बाद वाजे ने बिमल के कंधे पर हाथ रखकर कहा कि बिमल मेरा एक नंबर है ना उसका ध्यान सब तरफ होता है, जब बॉस ने बोला है तो क्या प्रॉब्लम है.
इसके बाद बिमल ने शिकायत की कॉपी वाजे को व्हट्सएप पर भेज दिया. जिसके बाद वाजे ने बीएमसी के एड्मिनिस्ट्रेटर का नंबर मांगा, जो मैंने उसे व्हट्सएप पर भेज दिया. इसके बाद वाजे ने कहा कि बीएमसी की शिकायत मामले में वे सुपर पॉज़िटिव हैं. दूसरे दिन वाजे ने बिमल से कहा कि मैंने एक नंबर को बता दिया है.
इसके बाद बिमल ने वाजे से दोबारा पूछा. किसको तो उसने कहा कि “अरे सीपी को बता दिया है के ये बीएमसी ठेकेदार वाला इंफ़ॉरमेशन बिमल ने दिया है और वो अपना आदमी है और बीएमसी ठेकेदार का काम हुआ तो वो मुझे एक नंबर मतलब सीपी से मिलवाएगा.”
बिमल ने यह भी कहा की साल 2014 में उसने मुंबई के ईओडबल्यू में प्रसाद लाड़ और हनुमंत गायकवाड़ के ख़िलाफ़ 17 करोड़ का मामला दर्ज करवाया था, पर राजकीय दबाव की वजह से यह मामले आगे नहीं बढ़ा. इसके अलावा एंथनी वेस्ट नाम की कंपनी के खिलाफ भी मैंने एक मामला दर्ज करवाया था. वहां पर भी मेरे बहुत पैसे अटके पड़े थे. वाजे ने आश्वासन दिया था कि मेरे दोनो मामलों में मदद करेगा.
एक बार मैंने वाजे को सलाह दी कि पुलिस वाले होकर ठेकेदार और बीएमसी वालों से तोड़पानी नहीं करते, क्यूंकि वातावरण खराब कर रहे हो जिसपर वाजे ने कहा कि पूरे साल भर में कोरोना की वजह से कितना नुकसान हुआ है और बॉस ने क्या टार्गेट दिया है इस बारे में तो तुमको पता ही नहीं है.
वाजे ने कहा, “मैं कहां से रोज़ दो करोड़ लाऊं, अभी वैसे हालात भी नहीं हैं तो ये नए रास्ते ढूंढने पड़ते हैं. फिक्र मत करो सीपी साहब की परमीशन से ये जुगाड़ कर रहा हूं, सो अब टेंशन नहीं है. तुम तुम्हारा काम करो. किसी को पता नहीं चलना चाहिए, नहीं तो तुम्हारे दो तीन मैटर ईओडबल्यू में है वैसे ही पड़े रहेंगे मैं भी सोच रहा हूं कि तुमको कैसे एक नंबर के गुड बुक में ला सकूं.” ये सब सुनने के बाद मैंने क्या करना चाहिए इस बारे में सोच नहीं पा रहा था और इसी वजह से शांत था.
कैबिनेट मंत्री और शिवसेना नेता अनिल परब का नाम लेना एक साज़िश?
वाजे ने जेल में रहते हुए एक पत्र लिखा था जिसमें उसने कहा था कि मंत्री अनिल परब उसे बीएमसी ठेकेदार से पैसे वसूलने को कहा था. बिमल ने अपने स्टेट्मेंट में यह बात साफ की और कहा कि उसने ही वाजे को बीएमसी की शिकायत वाली कॉपी और इससे जुड़ी जानकारी दी थी और उस समय सचिन वाजे ने उससे कहा भी था की यह काम वो एक नंबर यानी की परमबीर सिंह के कहने के बाद कर रहा है, पर मुझे समझ नहीं रहा है की उसने ऐसा क्यों बोला. इस मामले में पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ़्तार किया है और जांच शुरू कर दी है.