पिछले दिनों ही स्टेट बैंक की प्रमुख ने कहा था कि साढे आठ लाख करोड़ आ चुके हैं, 10 लाख करोड़ आते ही हालात सामान्य होने लगेंगे. अब बैंक का दावा है कि बाजार में 10 लाख करोड़ रुपये जनवरी के अंत तक आ जाएंगे.
नोटबंदी के एलान के दिन यानी 8 नवंबर को पांच सौ और एक हजार के 15 लाख 44 हजार करोड़ रुपये के नोट बंद हुए थे. उसी दिन बैंक और बाजार में 2 लाख 53 हजार करोड़ के 100-50 के छोटे नोट चलन में थे.
अब आपको बताते हैं नोटबंदी के बाद नए नोट के आने की रफ्तार क्या हुई.
- 10 नवंबर से 10 दिसंबर तक बैंक ने कुल 4 लाख 61 हजार करोड़ रुपये के नोट बांटे.
- 11 दिसंबर से 30 दिसंबर तक बैंक ने 500 और 2000 के 2 लाख 24 हजार करोड़ नोट बांटे.
बाजार में 2 लाख 53 हजार करोड़ के 100-50 के छोटे नोट को मिला दिया जाए तो 30 दिसंबर तक बाजार में कुल रकम हो जाती है 9 लाख 38 हजार करोड़ रुपये.
- बैंक रोज 11 हजार करोड़ रुपये बांट रही है.
- इस हिसाब से 31 जनवरी तक और 3 लाख 47 हजार करोड़ रुपये और बांटेगी.
अब आपको बाजार में आ रहे नोटों की रफ्तार के हिसाब से बताते हैं कि 31 जनवरी तक बाजार में कितना कैश आ जाएगा.
10 नवंबर से 10 दिसंबर तक 4 लाख 61 हजार करोड़ आ गए.
11 दिसंबर से 30 दिसंबर तक 2 लाख 24 हजार करोड़ बांटे गए.
31 दिसंबर से 31 जनवरी तक रोज 11 हजार करोड़ के हिसाब से 3 लाख 47 हजार करोड़ रुपये बांटे जाने का अनुमान है.
मतलब नोटबंदी के बाद 31 जनवरी तक 10 लाख 32 हजार रुपये के नए नोट बाजार में आने का अनुमान है, स्टेट बैंक कह चुका है कि 10 लाख करोड़ बाजार में आते ही हालात सामान्य हो जाएंगे. ये 10 लाख 32 हजार करोड़ रुपये बंद हुए 15.44 लाख करोड़ रुपये का 67 फीसदी है.
यही रफ्तार बनी रही तो फरवरी अंत तक 13 लाख 70 हजार करोड़ रुपये आ जाएंगे जो 15.44 लाख करोड़ रुपये का 89 फीसदी होगा और 16 मार्च तक पूरे 15.44 लाख करोड़ रुपये आ जाएंगे.