काम का हवाला देकर केजरीवाल ने दिल्ली की जनता से की दोबारा मौका देने की मांग
अरविंद केजरीवाल पिछले कुछ दिनों के दौरान लगातार जनता के बीच अपनी सरकार का रिपोर्ट कार्ड पेश कर रहे हैं. अमित शाह के बयानों और आरोपों के जवाब में केजरीवाल ने कहा कि सब जानते हैं कि वह झूठ बोल रहे हैं.
नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनावों की तारीखों के ऐलान के साथ ही अब अलग-अलग राजनैतिक दल जनता के बीच अपने-अपने मुद्दों को लेकर पहुंचने लगे हैं. तारीखों के ऐलान के साथ ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में वोट काम के आधार पर पड़ेगा. जो लोग बाकी मुद्दों के आधार पर चुनाव में जाना चाहते हैं जनता उनको नकार देगी.
5 सालों के दौरान हुआ काफी काम- केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल पिछले कुछ दिनों के दौरान लगातार जनता के बीच अपनी सरकार का रिपोर्ट कार्ड पेश कर रहे हैं. इस रिपोर्ट कार्ड के ज़रिए यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि उनकी सरकार के कार्यकाल के दौरान दिल्ली में जनता से जुड़ी हुई सेवाओं में काफी सुधार आया है. केजरीवाल का कहना है कि आगामी विधानसभा चुनाव में वोट स्कूल और अस्पताल के नाम पर पड़ेगा. रही बात दिल्ली की तो यहां पर दिल्ली सरकार के पास कुछ काम हैं, तो कुछ काम बीजेपी शासित एमसीडी के पास और केंद्र शासित सरकार के अधीन भी आते हैं. ऐसे में जनता को यह तय करना है कि किसका काम ज्यादा बेहतर रहा आम आदमी पार्टी का या बीजेपी का.
काम के आधार पर जनता दे वोट- सीएम
केजरीवाल ने अपने कामों का ब्यौरा देने के साथ ही यहां तक कह दिया कि अगर जनता को लगता है कि उन्होंने काम किया तो उनको दोबारा सरकार बनाने का मौका दिया जाना चाहिए. लेकिन अगर जनता को लगता है कि काम नहीं हुआ तो उनको और उनकी पार्टी को वोट नहीं मिलना चाहिए.
अमित शाह के बयान पर केजरीवाल का पलटवार
अमित शाह के बयानों और आरोपों के जवाब में केजरीवाल ने कहा कि सब जानते हैं कि वह झूठ बोल रहे हैं. गौरतलब है बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने केजरीवाल सरकार पर लोगों को गुमराह करने और 60 महीने के कार्यकाल के दौरान महज़ 3 महीने दिखावे का काम करने का आरोप लगाया था. अमित शाह ने इसके साथ ही केजरीवाल सरकार पर हमला करते हुए कहा था कि जनता की गाढ़ी कमाई को केजरीवाल सिर्फ विज्ञापन पर खर्च कर जनता के बीच भ्रम फैलाने की कोशिश करते हैं कि उनकी सरकार ने बहुत काम किया जबकि सच्चाई इसके उलट है.
यह भी पढ़ें-
अब नेता बनने की ट्रेनिंग देंगे प्रशांत किशोर, भरना होगा ये फॉर्म