लिव-इन में रह रही महिला ने मांगा पेंशन का अधिकार, मद्रास हाईकोर्ट में दायर की याचिका
मद्रास हाई कोर्ट में एक महिला ने रिट दायर कर साथ रह रहे व्यक्ति के पेंशन संबंधी फायदों का अधिकार मांगा है. मामले में हाईकोर्ट की एकल पीठ ने मामले को वृहद पीठ के पास भेज दिया है.
नई दिल्लीः मद्रास हाई कोर्ट में एक अलग तरह का मामला सामने आया है, जिसे सुनकर सभी हैरान है. यहां एक महिला ने याचिका दायर की है, जिसमें उसने लिव-इन में रह रहे व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके रिटायरमेंट और पेंशन संबंधी फायदों का अधिकार मांगा है. वहीं मद्रास हाईकोर्ट की एकल पीठ ने फैसले के लिए मामले को वृहद पीठ भेज दिया है.
पत्नी ने दी थी दूसरी शादी की इजाजत
दरअसल तमिलनाडु के कुंभकोणम में तमिलनाडु विद्युत उत्पादन और वितरण निगम (तैनजेडको) में काम करने वाले एस कलियापेरुमल की पत्नी सुशीला को कैंसर था, जिस वजह से उसने अपनी बहन मलारकोडि को अपने पति से शादी करने की इजाजत दे दी थी. इसके अलावा वह तीनों अपने तीन बेटे और तीन बेटियों के साथ ही रह रहे थे.
नॉमिनी घोषित होने से पहले हुई व्यक्ति की मौत
सुशीला से शादी के बाद कलियापेरुमल ने सुशीला को ही आधिकारिक डॉक्यूमेंट में अपना नॉमिनी घोषित किया था. वहीं पत्नी सुशीला के मरने के बाद उसने अपने बच्चों की सहमती से मलारकोडि को अपना नॉमिनी घोषित करने के लिए आवेदन दिया था. वहीं डॉक्यूमेंट में सुधार होने से पहले ही कलियापेरुमल की मृत्यु हो जाने से तैनजेडको ने अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है. वहीं मलारकोडि ने पेंशन संबंधी फायदों के लिए रिट दायर की है.
फिलहाल मामले कि सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति एस वैद्यनाथन ने अंतिम फैसला सुनाने के लिए मामले को वृहद पीठ के पास भेज दिया है. इसके साथ ही अब हाई कोर्ट के मुख्य न्यायधीश के सामने मामले की सुनवाई होगी और पीठ का गठन किया जाएगा.
इसे भी पढ़ेंः
पंजाब पुलिस ने कोलकाता में 2 गैंगस्टर को गोली से उड़ाया, पुलिसवालों की हत्या का था आरोपी
Union Cabinet Decisions: मोदी सरकार का देश के किसानों को तोहफा, खरीफ फसलों पर MSP बढ़ाई