By-poll Results 2021: 29 विधानसभा और तीन लोकसभा सीटों पर 30 अक्टूबर को हुए चुनाव के नतीजे घोषित हो चुके हैं. नतीजों से बीजेपी को बड़ा झटका लगा है. हिमाचल प्रदेश में सत्तारूढ़ बीजेपी को झटका देते हुए विपक्षी दल कांग्रेस ने तीनों विधानसभा सीटों फतेहपुर, अर्की और जुबल-कोटखाई और प्रतिष्ठित मंडी लोकसभा सीट पर जीत हासिल की. कर्नाटक में मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के गृह क्षेत्र हंगल में भी बीजेपी की हार हुई, जबकि इस सीट पर बोम्मई ने जमकर प्रचार किया था. इस चुनाव में बीजेपी और उसके सहयोगी दलों ने 29 विधानसभा सीटों में से 14 सीटों पर जीत दर्ज की.जबकि कांग्रेस ने आठ सीटें जीती.
मंगाई के बीच हुए उपचुनाव
यह उपचुनाव ऐसे समय हुए हैं, जब पेट्रोल-डीजल की कीमतें नित नए रिकार्ड बना रही हैं और महंगाई आसमान छू रही है. इनके अलावा किसानों के आंदोलन, कोरोना महामारी के दुष्प्रभावों और देश भर में जारी कोविड-19 रोधी टीकाकरण सहित कई अन्य क्षेत्रीय और स्थानीय मुद्दे भी इन उपचुनावों में हावी रहे. हिमाचल प्रदेश और तेलंगाना को छोड़कर ज्यादातर राज्यों में इस उपचुनाव के परिणाम सत्तारूढ़ दलों के पक्ष में रहे.
उपचुनाव के नतीजों पर प्रख्यात राजनीतिक चिंतक और विश्लेषक अभय कुमार दुबे कहते हैं, ‘’बीजेपी के लिए इस वक्त राज्यों की स्थिति गड़बड़ाई हुई है. हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में स्थिति गड़बड़ाई हुई है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उत्तराखंड में बीजेपी ने इस साल तीन मुख्यमंत्रियों को बदल दिया.’’ उन्होंने कहा, ‘’बीजेपी का जलवा केंद्र में तो कायम है, लेकिन उसके लिए राज्यों की स्थिति अलग है.’’
अभय कुमार दुबे आगे कहते हैं, ‘’इस वक्त महंगाई देश में सभी रिकोर्ड तोड़ रही है. हर दिन पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ रहे हैं. जनता महंगाई से काफी परेशान है. ये उपचुनाव भी ऐसे ही वक्त हुए जब देश में त्योहार है और महंगाई जबरदस्त है. कहीं न कहीं इसका असर चुनावों पर हुआ है और आगे भी आने वाले राज्यों में इसका असर होना तय है.’’
उपचुनाव ने बीजेपी को क्या संदेश दिया-
- पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों पर लगाम लगानी होगी.
- सीएनजी-पीएनजी के दाम भी कम करने होंगे.
- किसानों के खिलाफ हो रही हिंसा पर एक्शन लेना होगा.
- केंद्र की तरह राज्यों के प्रशासन को भी दुरुस्त करना होगा.
- वैक्सीनेशन और तेज करना होगा.
उपचुनाव के नतीजे का आने वाले चुनावों पर असर
राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले इन उपचुनावों को देश में राजनीतिक मिजाज का भांपने का एक अवसर माना जा रहा था. अगले साल यूपी, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में विधानसभा के चुनाव होंगे. इन चुनावों से पहले ही अपने प्रचार में विपक्ष किसान आंदोनल, महंगाई और अर्थव्यवस्था को मुद्दा बना रहा है. अगर उपचुनाव के नतीजे इन पांच राज्यों में रिपीट होते हैं तो बीजेपी को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है.