नई दिल्ली: दिल्ली की राजौरी गार्डन सीट पर जीत-हार की अहमियत इसलिए बढ गई है क्योंकि दस दिन बाद ही दिल्ली नगर निगम के चुनाव होने हैं. राजौरी गार्डन की सीट 2015 में आम आदमी पार्टी के विधायक जरनैल सिंह के पंजाब में चुनाव लड़ने की वजह से खाली हुई थी.
राजौरी गार्डन के नतीजे दिल्ली में केजरीवाल की ताकत का नमूना पेश करेंगे तो बीजेपी और कांग्रेस की हैसियत का भी आकलन होगा.
उपचुनाव नतीजों से बढ़ेगी राष्ट्रपति चुनाव में पार्टियों की ताकत, जानें क्या है BJP का गेम प्लान
कौन जीतेगा MCD चुनाव का सेमीफाइनल
दिल्ली की राजौरी गार्डन विधानसभा सीट पर आज नतीजों की बारी है.यहां पर वोट VVPAT यानी Voter-verifiable paper audit trail machine से डाले गए गए. जिससे लोग पूरी तरह संतुष्ट हैं.
उपचुनाव: आज आएंगे 10 विधानसभा सीटों के नतीजे, दांव पर केजरीवाल, वसुंधरा और शिवराज की साख
चुनाव के लिए कौन कितने पानी में ?
दिल्ली की राजौरी गार्डन विधानसभा सीट पर उपचुनाव में सिर्फ 47 वोटिंग हुई, जबकि 2015 के चुनाव में 72% लोगों ने वोट डाला था. इस इलाके में साढ़े तीन साल में तीसरी बार चुनाव हुए. 2015 में विधायक चुने गए आम आदमी पार्टी के जरनैल सिंह पंजाब में चुनाव लड़ने गए, जिसको लेकर जनता में खासी नाराजगी दिखी.
दिल्ली के राजौरी गार्डन में कांग्रेस की मीनाक्षी चंदीला, आप के हरजीत सिंह और अकाली दल-बीजेपी के मनजिंदर सिंह के बीच मुकाबला है. तीनों अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं.
सिख बहुल इस सीट पर अकाली दल बीजेपी उम्मीदवार मनजिंदर सिरसा 2013 में यहां से जीते थे, लेकिन 2015 में हार गए थे. इसके पहले कांग्रेस के दिग्गज दयानंद चंदीला राजौरी गार्डन से तीन बार विधायक रहे हैं. राजौरी गार्डन की जीत 10 दिन बाद होने वाले MCD चुनाव में तीनों पार्टियों की ताकत का नमूना जरूर पेश करेगी.