C-295 Planes: मेक इन इंडिया मंत्र के साथ भारत की डिफेंस सेक्टर में बड़ी छलांग, 12 देशों के खास क्लब में शामिल
Defense News: रक्षा मंत्रालय का कहना है कि यह परियोजना घरेलू विमानन निर्माण को बढ़ावा देगी. इससे आयात पर निर्भरता कम होगी और निर्यात में बढ़ोतरी होगी.
C-295 Military Transport Planes: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने रविवार (30 अक्टूबर) को गुजरात (Gujarat) के वडोदरा में सी-295 (C-295) सैन्य परिवहन विमानों (Military Transport Planes) के निर्माण के लिए टाटा-एयरबस (Tata Airbus) के स्वामित्व वाली फैसिलिटी की आधारशिला रखी. नई सुविधा के शुभारंभ के साथ भारत (India) अब इन विमानों (Planes) के निर्माण की क्षमता वाले कुछ देशों में शामिल हो गया.
सी-295 मैन्युफैक्चरिंग निजी क्षेत्र में पहला मेक इन इंडिया एयरोस्पेस कार्यक्रम है जिसमें एक पूरे औद्योगिक इकोसिस्टम का विकास शामिल है. निर्माण से लेकर असेंबलिंग, परीक्षण और योग्यता, विमान की डिलीवरी और रखरखाव तक, सबकुछ इसमें शामिल होगा. सौदे की शर्तों के तहत, 16 सी-295 विमान सितंबर 2023 और अगस्त 2025 के बीच उड़ान भरने की स्थिति में वितरित किए जाने वाले हैं, जबकि बाकी 40 विमान वडोदरा फैसिलिटी में तैयार किए जाएंगे. भारत में बनने वाले विमानों में स्वदेशी सामान सबसे अधिक होंगे और एयरबस स्पेन में जो काम करती है, उसका 96 प्रतिशत काम नई यूनिट में किया जाएगा."
विमानन उद्योग के लिए शानदार अवसर
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि यह परियोजना भारतीय निजी क्षेत्र के लिए प्रौद्योगिकी और अत्यधिक प्रतिस्पर्धी विमानन उद्योग में प्रवेश करने का एक शानदार अवसर है. इससे घरेलू विमानन निर्माण को बढ़ावा मिलेगा, जिससे आयात पर निर्भरता घटेगी और निर्यात में बढ़ोतरी होगी. सभी 56 विमानों को भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड के तैयार किए स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक युद्ध सूट से लैस किया जाएगा.
विमान निर्माण करने वाले कुछ चुनिंदा देशों में भारत
भारत ऐसे विमान बनाने की क्षमता वाला अगला देश बनने के लिए अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, फ्रांस, इटली, स्पेन, यूक्रेन, ब्राजील, चीन और जापान के साथ शामिल हो जाएगा. एलाइड मार्केट रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार, सैन्य परिवहन विमान उद्योग 2030 तक 45 बिलियन डॉलर के उद्योग आकार तक पहुंचने के लिए तैयार है. टाटा-एयरबस फैसिलिटी 2031 तक अपनी IAF प्रतिबद्धता पूरी करने के बाद अन्य देशों को भी विमानों का निर्यात शुरू कर सकती है.
घरेलू विमानों के विकास में तेजी आएगी
इन विमानों के निर्माण से घरेलू कॉमर्शियल विमान निर्माण के विकास की संभावनाएं बढ़ेंगी. भारतीय एयरलाइंस कंपनियां कमर्शियल विमानों की सबसे बड़ी खरीदारों में से एक हैं, जिनकी 2011 के बाद से 1100 विमानों की ऑर्डर बुक लगातार बढ़ रही है. सी-295 विमान निर्माण सुविधा और संबद्ध आपूर्ति श्रृंखला के साथ कॉमर्शियल विमानों की मांग भारत में कॉमर्शियल विमान निर्माण उद्योग के विकास का समर्थन करने के लिए आवश्यक इकोसिस्टम का निर्माण करेगी.
नई फैसिलिटी से हर साल 8 विमानों का निर्माण होगा
नई फैसिलिटी की शुरुआत में हर साल 8 विमानों के निर्माण के लिए तैयार की जाएगी, लेकिन इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह भारतीय सशस्त्र बलों या निर्यात की अतिरिक्त जरूरतों को भी पूरा कर सके. रक्षा मंत्रालय के अनुसार, इंडियन एयरफोर्स को 56 विमानों की डिलीवरी के बाद भारत निर्मित सी -295 विमान सिविल ऑपरेटरों और सरकार द्वारा अनुमोदित देशों को बेचने की अनुमति दी जाएगी.
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