C-295 Aircraft: भारतीय वायु सेना (IAF) को आज (बुधवार) को देश का पहला C-295 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट मिल गया है. वायु सेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने बुधवार (13 सितंबर) को स्पेन में एक समारोह में इसे स्वीकार किया. मिलिट्री ट्रांसपोर्ट कैटेगरी के इस विमान का निर्माण एयरबस ने किया है.
एयरक्राफ्ट को लेकर एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी ने कहा, "इसके शामिल होने से हमारी सेनाओं को किसी भी समय अग्रिम पंक्ति में ले जाने की क्षमता में जबर्दस्त बढ़ावा होगा." उन्होंने कहा कि भारतीय वायु सेना जल्द ही सी-295 एयरक्राफ्ट की सबसे बड़ी ऑपरेटर बन जाएगी.
IAF चीफ ने बताया देश के लिए मील का पत्थर
समाचार एजेंसी एएनआई से एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कहा, "यह न केवल भारतीय वायुसेना के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक बड़ा मील का पत्थर है. इसके दो कारण हैं. पहला- भारतीय वायुसेना के लिए यह हमारी स्ट्रैटेजिक एयरलिफ्ट क्षमताओं में सुधार करता है. यह देश के लिए एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है. दूसरा- यह आत्मनिर्भर भारत के लिए भी अहम है. दरअसल, स्पेन से पहले 16 विमान लेने के बाद 17वां विमान भारत में ही बनाया जाएगा. यह भारतीय विमानन उद्योग के लिए एक बड़ा कदम है, जहां हम देश में पहला सैन्य परिवहन विमान बनाएंगे."
वायु सेना को मिलेंगे 56 सी-295 एयरक्राफ्ट
भारत ने सितंबर 2021 में स्पेन की एयरबस के साथ 56 सी-295 मिलिट्री एयरक्राफ्ट की खरीद को मंजूरी दी थी. रक्षा मंत्रालय ने एयरबस डिफेंस के साथ करार पर हस्ताक्षर किए थे. 56 एयरक्राफ्ट में 16 का निर्माण स्पेन में होना है. इसके बाद दोनों कंपनियों के बीच हुए एक औद्योगिक साझेदारी के तहत शेष 40 विमानों का निर्माण और संयोजन भारत में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) करेगी.
बीते साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वडोदरा में निर्माण यूनिट की आधारशिला रखी थी. ये किसी निजी कंपनी द्वारा भारत में निर्मित होने वाला पहला सैन्य विमान होगा. वडोदरा में अगले साल नवंबर से इसका निर्माण शुरू होने वाला है.
कॉन्टेक्ट के अनुसार स्पेन में बनाए जा रहे शेष 15 विमानों की डिलीवरी 2024 के अंत तक की जाएगी. वहीं, भारत में बनने वाले 40 विमानों की डिलीवरी 2031 तक की जाएगी. पहला विमान सितंबर 2026 के आसपास हैंगर से बाहर आने की संभावना है.
सी-295 की खासियत
सी-295 विमान की भार ढोने की क्षमता 5-10 टन है. यह एक बार में लगभग 71 सैनिकों या 49 पैराट्रूपर्स को लेकर जा सकता है. सी-295 करीब 480 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से करीब 11 घंटे तक उड़ान भर सकता है. C295 को स्ट्रैटेजिक मिशनों के लिए नीचे उड़ान भरने के लिए डिजाइन किया गया है, जो 110 समुद्री मील की गति से उड़ान भर सकता है.
यह तेज रिस्पांस, सैनिकों और कार्गो की पैरा-ड्रॉपिंग के लिए विमान में एक रियर रैंप दरवाजा भी दिया गया है. सभी 56 एयरक्राफ्ट में एक स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट स्थापित किया जाएगा, जिसे भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड ने बनाया है. इसमें शॉर्ट टेक ऑफ और लैंडिंग के साथ ही अविकसित हवाई पट्टियों का भी इस्तेमाल करने की क्षमता है.
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