ABP News- C Voter Survey: इस बार देशव्यापी लॉकडाउन न लगाना क्या सही फैसला है, जानें लोगों ने क्या जवाब दिया
ABP News- C Voter Survey: देश में इस समय सबसे बड़ा मुद्दा कोरोना है. कोरोना के साथ ही लॉकडाउन भी एक ऐसा विषय है जो कि बहुत अहम है. देश में जहां कोरोना की पहली लहर में देशव्यापी लॉकडाउन लगाया गया वहीं दूसरी लहर में ऐसा नहीं किया गया.
ABP News- C Voter Survey: मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के दो साल पूरे होने जा रहे हैं. इस मौके पर एबीपी न्यूज के लिए सी वोटर ने देश की जनता का मूड जानने की कोशिश की है. देश में इस समय सबसे बड़ा मुद्दा कोरोना है. कोरोना के साथ ही लॉकडाउन भी एक ऐसा विषय है जो कि बहुत अहम है.
कोरोना की पहली लहर में जहां पिछले साल पूरे देश में लॉकडाउन लगाया गया वहीं दूसरी लहर में केंद्र की ओर से ऐसा नहीं किया गया बल्कि राज्यों को अपनी-अपनी स्थितियों के हिसाब लॉकडाउन लगाने को कहा गया. अधिकांश राज्यों में अभी लॉकडाउन जारी है. वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री यह ऐलान कर चुके हैं कि 31 मई से वह धीरे-धीरे लॉकडाउन खोलना शुरू करेंगे.
सर्वे में लॉकडाउन को लेकर ही जनता से तीन जरूरी सवाल पूछे गए:-
क्या पिछले साल पूरे देश में लॉकडाउन लगना सही था?
शहरी क्षेत्र के 76% और ग्रामीण क्षेत्र के 65% लोगों ने पिछले साल पूरे देश में लॉकडाउन लगाने को सही माना. जबकि शहरी क्षेत्र के 17% और ग्रामीण क्षेत्र के 25% लोगों ने इस फैसले को गलत माना. शहरी क्षेत्र के 7 फीसदी और ग्रामीण क्षेत्र के 10 फीसदी लोगों ने कहा कि वह इस बारे में कुछ कह नहीं सकते.
इस बार देशव्यापी लॉकडाउन न लगाना क्या सही है?
शहरी क्षेत्र के 57% और ग्रामीण क्षेत्र के 52% लोगों ने केंद्र के इस फैसले को सही माना. शहरी क्षेत्र के 31% और ग्रामीण क्षेत्र के 34% ने इस फैसले को गलत माना. वहीं शहरी क्षेत्र के 12% और ग्रामीण क्षेत्र के 14% लोग इस पर कुछ नहीं कह सके.
लॉकडाउन में मदद पहुंची?
41% शहरी क्षेत्र के लोगों ने कहा कि उन तक मदद पहुंची. वहीं 37% ग्रामीण क्षेत्र के लोगों ने कहा कि उन्हें लॉकडाउन में मदद मिली. जबकि शहरी क्षेत्र के 49% और ग्रामीण क्षेत्र के 54% लोगों ने कहा कि उन तक कोई मदद नहीं पहुंची. जबकि शहरी क्षेत्र के 10% और ग्रामीण क्षेत्र के 9% लोगों ने इस सवाल पर कुछ नहीं कहा.
नोट: स्नैप पोल 23 से 27 मई के बीच किया गया है. सर्वे में 12 हजार 70 लोगों से बात की गई है. सर्वे में मार्जिन ऑफ एरर प्लस माइनस 3 से प्लस माइनस 5 फीसदी तक है.
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