लोकसभा चुनाव से पहले CAA पर सुगबुगाहट तेज, कांग्रेस बोली- ध्रुवीकरण की कोशिश, असदुद्दीन ओवैसी ने क्या कहा?
Citizenship Amendment Act: सीएए को लोकसभा चुनाव से पहले लागू करने की चर्चा को लेकर कांग्रेस, टीएमसी और आरजेडी सहित अन्य विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा.
CAA Rules Notified: साल 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही है. केंद्र की मोदी सरकार आम चुनाव की तारीख की घोषणा से पहले संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के नियमों को नोटिफाइड कर सकती है. इस बीच सीएए को लेकर विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा.
कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस (TMC) सहित अन्य विपक्षी दलों ने कहा कि सीएए को लागू करना सही नहीं है क्योंकि ये धर्म के आधार पर बनाया गया है. कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि सीएए संवैधानिक रूप से अनैतिक है. वहीं बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने इसे संविधान विरोधी करार दिया.
दरअसल, मंगलवार (2 जनवरी) को सरकार के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया था कि लोकसभा चुनाव से पहले सीएए के नियम जारी होंगे. नियम जारी होने के बाद कानून लागू किया जा सकता है. फिर पात्र लोगों को भारतीय नागरिकता दी जा सकती है. न्यूज एजेंसी पीटीआई ने ये जानकारी दी थी.
बता दें कि हाल ही में पश्चिम बंगाल के दौरे पर गए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि सीएए को लागू करने से कोई नहीं रोक सकता.
कांग्रेस ने क्या कहा?
सीएए को लेकर मची हलचल पर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा, ''देश के संविधान की प्रस्तावना में धर्मनिरपेक्षता है. ऐसे में धर्म के आधार पर किसी को कैसे नागरिकता दी सकती है? ये मौलिक सवाल है. मैंने ये सवाल सीएए पर चर्चा के दौरान विपक्ष की ओर से भी उठाए थे.''
#WATCH | Delhi: Congress MP Manish Tewari says, "Well, the fundamental question is that the constitution of India by its very design is secular in nature. Secularism is a part of the preamble of the Indian Constitution. Under those circumstances, how can citizenship, whether… pic.twitter.com/ltQc3r7jpo
— ANI (@ANI) January 3, 2024
वहीं कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि संसदीय प्रक्रिया के तहत कानून छह महीने के भीतर लागू होने चाहिए थे. नियम बनाने के लिए नौ बार विस्तार लिया गया. अब हमें सूचित किया गया है कि नियमों को लोकसभा चुनाव से पहले अधिसूचित किया जाएगा. ऐसे में तो यह साफ है कि इसका उद्देश्य हमेशा चुनाव से ठीक पहले वोटरों का ध्रुवीकरण करना था.
The Modi government bulldozed the contentious Citizenship Amendment Act in Parliament in December 2019. Rules to make the law operational should have been in place according to Parliamentary procedures within six months. But nine extensions were sought and given.
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) January 3, 2024
Now we are…
टीएमसी ने क्या कहा?
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की टीएमसी ने कहा कि सीएए बंगाल में लागू नहीं होगा. शशि पांजा ने कहा, ''केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर बंगाल में होते तो सीएए को लेकर अलग बयान देते हैं. ठाकुर दिल्ली में होते हैं तो बयान बदल लेते हैं. हमारी चीफ ममता बनर्जी साफ कर चुकी है कि सीएए को राज्य में लागू नहीं किया जाएगा.''
Discrepancies in MoS @Shantanu_bjp's Statements:
— All India Trinamool Congress (@AITCofficial) January 3, 2024
◼️ In Bengal: Commitment to implement CAA before 2024 elections
◼️ In Delhi: Denial of any promise for pre-election CAA implementation
Hon’ble CM @mamataofficial has categorically mentioned that CAA would not be implemented in… pic.twitter.com/XTiijafJLK
मुस्लिम, दलित और गरीब लोगों के लिए अन्याय होगा- असदुद्दीन ओवैसी
सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सीएए को लेकर केंद्र सरकार पर हमला किया. ओवैसी ने कहा, ''सीएए संविधान विरोध है. कानून को धर्म के आधार पर बनाया गया है. सीएए को एनपीआर-एनआरसी के साथ समझा जाना चाहिए. इसके तहत आपको नागरिकता साबित करना होगी. ऐसा हुआ तो मुस्लिम, दलित और गरीब लोगों के लिए अन्याय होगा.''
#WATCH | Hyderabad, Telangana: AIMIM president Asaduddin Owaisi says, "CAA is anti-constitution. It is a law which has been made on the basis of religion. CAA must be read with and understood with NPR-NRC which will lay down the conditions to prove your citizenship in this… pic.twitter.com/oxpWDBhsoD
— ANI (@ANI) January 3, 2024
तेजस्वी यादव क्या बोले?
डिप्टी सीएम और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि सीएए को लोकसभा चुनाव देखते हुए मुद्दा बनाने की कोशिश की जा रही है. ये सीएए संविधान विरोधी है. कानून को धर्म के आधार पर बनाया गया है.
शफीकुर्रहमान बर्क ने क्या कहा?
समाजवादी पार्टी (SP) के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा कि ये इनका (BJP) प्रोपेगेंडा है. इससे फायदा होने की जगह मुल्क के हालात ज्यादा खराब होंगे.
VIDEO | “This (CAA) is propaganda of the BJP. Instead of benefiting from it, the situation of the country will worsen,” says Samajwadi Party MP Shafiqur Rahman Barq on reports of Centre notifying #CAA rules before 2024 #LokSabha polls. pic.twitter.com/47ORwO5Y8B
— Press Trust of India (@PTI_News) January 3, 2024
बीजेपी ने दिया ये जवाब
टीएमसी के बयान पर बीजेपी नेता सामिक भट्टाचार्य ने पलटवार किया. भट्टाचार्य ने कहा कि टीएमसी वोट बैंक की राजनीति के चलते सीएए का विरोध कर रही है.
अमित शाह ने क्या कहा था?
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 27 दिसंबर को सीएए को लागू करने की बात करते हुए सीएम ममता बनर्जी पर निशाना साधा था. उन्होंने कोलकाता में पार्टी की बैठक को संबोधित करते हुए कहा था, ''सीएए के कार्यान्वयन को कोई नहीं रोक सकता क्योंकि यह देश का कानून है. ममता बनर्जी इस मुद्दे पर लोगों को गुमराह कर रही है.''
सीएए में क्या प्रावधान है?
सीएए (Citizenship Amendment Act) में बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर, 2014 तक भारत आए गैर-मुस्लिम यानी हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई को भारत की राष्ट्रीयता प्रदान करने का प्रावधान है.
बता दें कि दिसंबर 2019 में सीएए से जुड़े विधेयक को संसद ने मंजूरी दी थी. फिर राष्ट्रपति ने भी बाद में इसे मंजूरी दे दी थी. इसके बाद इसके विरोध में कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन हुए थे.
इनपुट भाषा से भी.