नई दिल्ली: मक्कल नीधी मैय्यम के सुप्रीमो कमल हासन आज शाम को मद्रास यूनिवर्सिटी में नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों से मिलने पहुंचे. हालांकि जब वे मद्रास यूनिवर्सिटी पहुंचे तो उन्हें मेन कैंपस में जाने नहीं दिया गया और बाहर ही रोक दिया गया. जब कमल हासन को मेन कैंपस में नहीं जाने दिया गया तो गेट के बाहर से ही उन्होंने यूनिवर्सिटी के छात्रों को संबोधित किया. कमल हासन ने कहा कि वे यहां पर छात्रों के डिफेंडर बनकर आए हैं और मरते दम तक उनका साथ देंगे. कमल हासन ने यह भी कहा कि उन्होंने अब अपनी पार्टी बना ली है ऐसे में छात्रों की आवाज वे उठाते रहेंगे.


कमल हासन ने छात्रों से कहा कि वे भी मरते दम तक एक स्टूडेंट ही रहेंगे क्योंकि वह आज भी सीख रहे हैं. कमल हासन ने आगे कहा कि "आज की खबर कल इतिहास बनेगी. वह मेरी स्ट्रेटजी जानना चाहते हैं लेकिन मेरे पास मेरी ईमानदारी के अलावा कुछ भी नहीं है. अगर यह कानून लोगों के फायदे के लिए नहीं है तो इसे खत्म करना होगा. हम तानाशाही की ओर बढ़ रहे हैं. और यह तो महज शुरुआत है. हमें अब जागना होगा. एक कठोर वक्त है जिसका सामना हम करेंगे."


इस बिल के पास होने के बाद से कमल हासन लगातार केंद्र और राज्य की एआईएडीएमके सरकार पर हमला बोल रहे हैं. इससे पहले भी कमल हासन बोल चुके हैं कि वह अपनी इस लड़ाई को सही दिशा में ले जाएंगे और कानूनी समाधान निकालेंगे. कमल हासन ने कहा था कि युवाओं को राजनीतिक रूप से जागरूक होना होगा क्योंकि लोकतंत्र इस वक्त खतरे में है. साथ ही कमल हासन ने कहा, मैं अपने क्षेत्र में एक छात्र हूं और मैं उनके लिए आवाज उठाता रहूंगा.


आपको बता दें कि नागरिकता संशोधन एक्ट में श्रीलंकाई तमिलों को शामिल ना करने को लेकर पहले ही एआईएडीएमके और केंद्र की बीजेपी सरकार पर लगातार तमिलनाडु की विपक्षी पार्टियां सवाल उठा रही हैं. इससे पहले डीएमके भी इस मुद्दे को लेकर एआईएडीएमके पर हमला बोलते हुए कह चुकी है कि एआईएडीएमके ने केंद्र के साथ मिलकर तमिलों के साथ विश्वासघात किया है. वहीं एक्टर से राजनेता बने कमल हासन भी अब इस मुद्दे को बड़ी जोरों शोरों से उठाते दिखाई दे रहे हैं. साफ है कमल हासन इस प्रदर्शन में छात्रों से मिलकर उनकी आवाज बनने की कोशिश कर रहे हैं.