Citizenship Amendment Act: संशोधित नागरिकता अधिनियम (सीएए) की अधिसूचना मार्च के पहले सप्ताह में जारी हो सकती है. ऐसी अटकलें इसलिए लगाई जा रही है क्योंकि हाल ही में केंद्रीय गृह मत्री अमित शाह ने ऐलान किया था कि आम चुनाव से पहले सीएए लागू होगा.
अमित शाह ने कहा था, ''लोकसभा चुनाव से पहले सीएए को लागू करने को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा. मैं ऐसे मैं साफ कर देना चाहता हूं कि सीएए से किसी भी शख्स की नागरिकता नहीं ली जाएगी.''
दरअसल, मार्च में सीएए को लेकर नोटिफिकेशन जारी होने के कयास इस कारण लगाए जा रहे हैं क्योंकि मार्च में ही आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने की संभावना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस देखते हुए रविवार (25 फरवरी) को कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर ‘मन की बात’ का अगले तीन महीने प्रसारण नहीं होगा.
शांतनु ठाकुर ने भी किया था ऐलान
केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने भी पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में बीजेपी के कार्यकर्ताओं के एक बूथ-सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा था, ''मैं सीएए को राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने की गारंटी दे सकता हूं. इसे पश्चिम बंगाल समेत भारत के सभी राज्यों में लागू कर दिया जाएगा. वो तो आप सब खुद ही देख लेंगे. मैं इस मंच से यह गारंटी दे रहा हूं."
विपक्षी दल क्या कह रहे हैं
विपक्षी दलों केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कह रही है कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए ऐसा किया जा रहा है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की चीफ ममता बनर्जी ने तो कहा कि हम बंगाल में सीएए लागू नहीं होने देंगे.
सीएए में क्या प्रावधान है?
सीएए के तहत 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में बसे बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाइयों सहित प्रताड़ना झेल चुके गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय नागरिकता देना है.
इनपुट भाषा से भी.
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