CAA Notification Hearing Live: CAA पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, केंद्र सरकार को भेजा नोटिस, 9 अप्रैल को फिर होगी सुुनवाई
CAA Notification Case Live: केंद्र सरकार ने 11 मार्च को नोटिफिकेशन जारी कर देश में सीएए लागू कर दिया. इस कानून को दिसंबर 2019 में संसद में पारित किया गया था.
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CAA Notification Case Live Hearing: सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार (19 मार्च) को केंद्र सरकार के जरिए लागू किए गए नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 (सीएए) को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई हुई. सरकार ने 200 से ज्यादा याचिकाओं पर जवाब देने के लिए सरकार को नोटिस जारी किया है. इस मामले पर अब अगली सुनवाई 9 अप्रैल को होगी. सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं में सीएए और नागरिकता संशोधन नियम 2024 को लागू करने पर रोक लगाने की मांग की गई है.
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ इन याचिकाओं पर सुनवाई की. पिछले हफ्ते वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष केरल के इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) द्वारा दायर एक याचिका का उल्लेख किया. उन्होंने इसका जिक्र करते हुए कहा कि सीएए लागू करना संदिग्ध लगता है, क्योंकि लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं.
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि सीएए मुस्लिमों के साथ धर्म के आधार पर भेदभाव करता है. यह भी तर्क दिया गया है कि इसके जरिए धार्मिक अलगाव करने की कोशिश की जा रही है. याकिकाकर्ताओं ने कहा है कि सीएए संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत समानता के अधिकार का उल्लंघन करता है. सीएए लागू होने के बाद से ही इसका विरोध किया जा रहा है. इस कानून के सामने आने के बाद से ही इसे धार्मिक विभाजन वाला बताया जा रहा है.
इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के अलावा भी कई प्रमुख लोगों ने सीएए के खिलाफ याचिकाएं दायर की हैं. इसमें तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा, कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश, एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी, असम कांग्रेस नेता देबब्रत सैकिया, गैर सरकारी संगठन रिहाई मंच और सिटीजन्स अगेंस्ट हेट, असम एडवोकेट्स एसोसिएशन और कुछ कानून के छात्र शामिल हैं.
सीएए को लेकर 2019 में भी जबरदस्त प्रदर्शन देखने को मिले थे. दिल्ली का शाहीन बाग इलाका सीएए प्रदर्शन का केंद्र बन गया था, जहां कई प्रमुख नेताओं ने पहुंचकर प्रदर्शन में हिस्सा लिया था.
Supreme Court CAA Hearing: सीएए पर नहीं लगेगी रोक
सुप्रीम कोर्ट फिलहाल सीएए कानून के अमल पर रोक नहीं लगा रही है. उसने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर 8 अप्रैल तक जवाब मांगा है.
CAA Hearing Updates: मुस्लिमों की नागरिकता पर खतरा- वकील निजाम पाशा
सुनवाई के दौरान वकील निजाम पाशा ने कहा कि सीएए की वजह से मुस्लिमों की नागरिकता पर खतरा है. सॉलिसीटर जनरल ने जवाब देते हुए कहा कि ये एनआरसी नहीं है. पहले भी लोगों को गुमराह कर उकसाया गया था. ऐसा करना गलत है. इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि दोनों पक्ष 5-5 पन्ने का लिखित संक्षिप्त नोट जमा करवाएं. सरकार 8 अप्रैल तक जवाब दे. (इनपुट-निपुण सहगल)
CAA Hearing: सीएए के खिलाफ याचिका पर 3 हफ्ते में जवाब देगी सरकार
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि सीएए के खिलाफ दायर याचिकाओं पर जवाब के लिए 3 हफ्ते का समय दिया जा रहा है. इस मामले पर 9 अप्रैल को सुनवाई करेंगे. वहीं, वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि अगर इस दौरान किसी को नागरिकता मिली तो हम दोबारा कोर्ट आएंगे. (इनपुट-निपुण सहगल)
Supreme Court CAA Hearing: किसी को नागरिकता मिलने से कुछ नहीं बिगड़ता-सरकार
सॉलिसीटर जनरल ने सुनवाई के दौरान कहा कि नागरिकता का आवेदन मिलने से लेकर उसे देने की प्रक्रिया लंबी है. एकदम से किसी को नागरिकता नहीं मिलती. अगर किसी को दी भी गई तो याचिकाकर्ताओं का कुछ नहीं बिगड़ जाएगा. बलूचिस्तान हिन्दू पंचायत के वकील रंजीत कुमार ने कहा कि हम लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं. अगर अब नागरिकता मिल रही है तो बाधा नहीं डालनी चाहिए. (इनपुट-निपुण सहगल)
CAA Hearing Updates: याचिकाओं पर जवाब देने के लिए मांगा गया 4 हफ्ते का समय
सुनवाई के दौरान सीजेआई ने केंद्र सरकार से पूछा कि क्या आप 2 हफ्ते में जवाब दे सकते हैं? इस पर सरकार की तरफ से पेश सॉलिसीटर जनरल ने कहा कि 236 याचिकाएं और 20 आवेदन हैं. हमें इनका जवाब देने में समय लगेगा. 4 सप्ताह का समय सही रहेगा. वहीं, याचिकाकर्ताओं की तरफ से पेश हुईं वकील इंदिरा जयसिंह ने कहा कि तब तक नागरिकता देने पर रोक लगाई जानी चाहिए.