CAA Notification Hearing Live: CAA पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, केंद्र सरकार को भेजा नोटिस, 9 अप्रैल को फिर होगी सुुनवाई

CAA Notification Case Live: केंद्र सरकार ने 11 मार्च को नोटिफिकेशन जारी कर देश में सीएए लागू कर दिया. इस कानून को दिसंबर 2019 में संसद में पारित किया गया था.

एबीपी लाइव डेस्क Last Updated: 19 Mar 2024 02:44 PM
Supreme Court CAA Hearing: सीएए पर नहीं लगेगी रोक

सुप्रीम कोर्ट फिलहाल सीएए कानून के अमल पर रोक नहीं लगा रही है. उसने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर 8 अप्रैल तक जवाब मांगा है. 

CAA Hearing Updates: मुस्लिमों की नागरिकता पर खतरा- वकील निजाम पाशा

सुनवाई के दौरान वकील निजाम पाशा ने कहा कि सीएए की वजह से मुस्लिमों की नागरिकता पर खतरा है. सॉलिसीटर जनरल ने जवाब देते हुए कहा कि ये एनआरसी नहीं है. पहले भी लोगों को गुमराह कर उकसाया गया था. ऐसा करना गलत है. इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि दोनों पक्ष 5-5 पन्ने का लिखित संक्षिप्त नोट जमा करवाएं. सरकार 8 अप्रैल तक जवाब दे. (इनपुट-निपुण सहगल)

CAA Hearing: सीएए के खिलाफ याचिका पर 3 हफ्ते में जवाब देगी सरकार

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि सीएए के खिलाफ दायर याचिकाओं पर जवाब के लिए 3 हफ्ते का समय दिया जा रहा है. इस मामले पर 9 अप्रैल को सुनवाई करेंगे. वहीं, वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि अगर इस दौरान किसी को नागरिकता मिली तो हम दोबारा कोर्ट आएंगे. (इनपुट-निपुण सहगल)

Supreme Court CAA Hearing: किसी को नागरिकता मिलने से कुछ नहीं बिगड़ता-सरकार

सॉलिसीटर जनरल ने सुनवाई के दौरान कहा कि नागरिकता का आवेदन मिलने से लेकर उसे देने की प्रक्रिया लंबी है. एकदम से किसी को नागरिकता नहीं मिलती. अगर किसी को दी भी गई तो याचिकाकर्ताओं का कुछ नहीं बिगड़ जाएगा. बलूचिस्तान हिन्दू पंचायत के वकील रंजीत कुमार ने कहा कि हम लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं. अगर अब नागरिकता मिल रही है तो बाधा नहीं डालनी चाहिए. (इनपुट-निपुण सहगल)

CAA Hearing Updates: याचिकाओं पर जवाब देने के लिए मांगा गया 4 हफ्ते का समय

सुनवाई के दौरान सीजेआई ने केंद्र सरकार से पूछा कि क्या आप 2 हफ्ते में जवाब दे सकते हैं? इस पर सरकार की तरफ से पेश सॉलिसीटर जनरल ने कहा कि  236 याचिकाएं और 20 आवेदन हैं. हमें इनका जवाब देने में समय लगेगा. 4 सप्ताह का समय सही रहेगा. वहीं, याचिकाकर्ताओं की तरफ से पेश हुईं वकील इंदिरा जयसिंह ने कहा कि तब तक नागरिकता देने पर रोक लगाई जानी चाहिए.

CAA Hearing: सीएए पर अभी लगे रोक- कपिल सिब्बल

वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि सीएए के संसद से पारित होने के 4 साल से भी अधिक समय बाद इसे लागू किया गया है. एक बार किसी को नागरिकता दे दी गई, तो उसे वापस लेना कठिन होगा. इसलिए अभी रोक लगनी चाहिए. सरकार जवाब के लिए समय चाहती है, कोई समस्या नहीं, पर अभी रोक लगाई जाए. उन्होंने सीजेआई से गुजारिश की कि अप्रैल में इस मामले पर सुनवाई कर लीजिए. (इनपुट-निपुण सहगल)

Supreme Court CAA Hearing: याचिका पर जवाब देने के लिए समय देने का अनुरोध सही- सीजेआई

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि याचिकाओं पर जवाब देने के लिए समय देने का अनुरोध सही है. जिन याचिकाओं या आवेदन पर नोटिस नहीं जारी हुआ है, उन पर भी नोटिस जारी किया जा रहा है. एक उचित समय के बाद सुनवाई होगी. तभी रोक पर भी विचार करना सही होगा. इस पर याचिकाकर्ता पक्ष के वकील ने कहा कि रोक तुरंत लगनी चाहिए. 


सीजेआई ने सरकार से सवाल किया कि आप कब तक जवाब दाखिल करेंगे. इस पर सरकार की तरफ से पेश सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि चार हफ्तों में जवाब दिया जाएगा. (इनपुट-निपुण सहगल)

CAA Hearing Updates: याचिकाकर्ता ने सरकार से नागरिकता पर किया सवाल

याचिकाकर्ता की वकील इंदिरा जयसिंह ने सुनवाई के दौरान कहा कि क्या यह (सॉलिसीटर जनरल) बयान देंगे कि अभी किसी को नागरिकता नहीं देंगे. इस पर सॉलिसीटर जनरल ने कहा कि ऐसा कोई बयान देने की जरूरत नहीं है. (इनपुट-निपुण सहगल)

CAA Hearing: सीएए से नहीं जा रही किसी की नागरिकता- सॉलिसीटर जनरल

सीएए लागू करने के खिलाफ दायर याचिकाओं को लेकर सरकार की तरफ से पेश हुए सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि 237 मुख्य याचिकाएं हैं, 20 से अधिक नए आवेदन हैं, जो कानून लागू होने के बाद दाखिल हुए. हमें इन सब पर जवाब देने में समय लगेगा. एक बार फिर से आश्वासन दिया गया कि सीएए से किसी की नागरिकता नहीं जा रही है. कुछ लोगों को नागरिकता मिल रही है, जो एक तय समय से पहले देश में आए थे. (इनपुट-निपुण सहगल)

CAA Hearing Supreme Court: दोपहर 2 बजे होगी मामले पर सुनवाई

सीएए के खिलाफ दायर याचिकाओं को लेकर वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ से कहा कि मुझे दोपहर 2 बजे पीएमएलए मामले में उपस्थित होना है. इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि दोपहर 2 बजे वापस आते ही हम इस मामले की सुनवाई करेंगे.

CAA Hearing Updates: बिहार में भाकपा ने सीएए पर किया था प्रदर्शन

सीएए के विरोध में भाकपा (माले) ने बिहार में 'विरोध दिवस' मनाया था. पार्टी ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) की अधिसूचना को एक गहरी राजनीतिक साजिश करार देते हुए पटना सहित कई जिला मुख्यालयों में 'विरोध दिवस' का आयोजन किया था. राजधानी पटना में पार्टी कार्यकर्ताओं ने पैदल मार्च किया और बुद्ध स्मृति पार्क पर एक प्रतिवाद सभा आयोजित की थी. 

CAA Hearing: वीएचपी ने सीएए पर अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ एक्शन की मांग की

विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने सीएए को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित विपक्षी दलों पर अफवाह फैलाने का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग और अदालत से इन नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की. विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने बयान जारी कर कहा, दिल्ली के 'पढ़े-लिखे' मुख्यमंत्री कहते हैं कि सीएए लागू होने से 'बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से बड़ी संख्या में लोग आएंगे. इससे देश व सभी व्यवस्थाएं चौपट हो जाएंगी. इन देशों से एक से डेढ़ करोड़ लोग आ गए तो उन्हें कहां बसाएंगे, नौकरियां कहां से देंगे. जबकि, सच्चाई तो यह है कि 2014 के बाद भारत में प्रवेश करने वाले ऐसे किसी व्यक्ति पर यह कानून लागू ही नहीं होता और न ही इसके माध्यम से किसी अन्य पात्र को कोई निमंत्रण दिया जा रहा है.

CAA Hearing Updates: सुनवाई के बैठी पीठ

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ी की अध्यक्षता वाली पीठ सीएए के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई के लिए बैठ गई है. 

CAA Hearing Supreme Court: सीएए के जरिए किसे नागरिकता मिल रही है?

सीएए के जरिए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदायों से संबंधित अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता दी जा रही है. इसके जरिए सिर्फ उन्हें ही नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है, जो 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आए थे. 


 

CAA Hearing: सुनवाई के लिए लिस्ट हुईं याचिकाएं

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष सीएए को चुनौती देने वाली याचिकाओं को लिस्ट कर दिया गया है. सीएए के खिलाफ 237 याचिकाएं दायर की गई हैं.

Supreme Court CAA Hearing: ओवैसी ने अपनी याचिका में क्या कहा?

एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने अपनी याचिका में कहा है, ''सीएए के जरिए सिर्फ नागरिकता देने का ही काम नहीं किया जा रहा है, बल्कि नागरिकता नहीं देते हुए अल्पसंख्यक समुदाय को अलग-थलग किया जा रहा है.'' उन्होंने कहा कि नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन यानी एनआरसी के जरिए मुस्लिम समुदाय को टारगेट किया जा रहा है.

CAA Hearing Updates: बीजेपी के निशाने पर होंगे अलग अलग भाषा बोलने वाले लोग-स्टालिन

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने रविवार को कहा कि उनका मानना है कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम केवल एक शुरूआत है और बीजेपी भविष्य में ‘प्रत्येक राज्य में अलग-अलग भाषाएं बोलने वाले’ लोगों को निशाना बनाने के लिए कानून लाएगी. स्टालिन ने कहा कि सीएए बीजेपी की विभाजनकारी राजनीति का एक हिस्सा है और यह अभी केवल अल्पसंख्यकों के खिलाफ प्रतीत हो सकता है, ''लेकिन भविष्य में, बीजेपी प्रत्येक राज्य में अलग-अलग भाषा बोलने वाले लोगों को निशाना बनाते हुए नए कानून लाएगी. सीएए केवल इसकी शुरुआत है.'' 


 

CAA Supreme Court Hearing: असम में तीन से पांच लाख लोग सीएए के तहत आवेदन करेंगे

असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने दावा किया कि राज्य में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के तहत तीन से पांच लाख लोग भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करेंगे. शर्मा ने जोर देते हुए कहा कि आवेदन करने वाले लोगों में सिर्फ वही लोग शामिल होंगे, जिन्हें अपडेटेड राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) से बाहर रखा गया था. उन्होंने यह भी कहा कि सात लाख मुसलमानों और पांच लाख हिंदू-बंगालियों सहित अन्य को एनआरसी सूची से बाहर रखा गया था.

CAA Hearing: सीएए कब लागू किया गया? 

केंद्र सरकार ने 11 मार्च को देश में सीएए लागू कर दिया. इसे दिसंबर 2019 में संसद में पारित किया गया था. सीएए के लागू होते ही विपक्ष ने कहा कि इसे लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर लाया गया है. सीएए को लेकर देश के अलग-अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन भी हुए. 


 

बैकग्राउंड

CAA Notification Case Live Hearing: सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार (19 मार्च) को केंद्र सरकार के जरिए लागू किए गए नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 (सीएए) को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई हुई. सरकार ने 200 से ज्यादा याचिकाओं पर जवाब देने के लिए सरकार को नोटिस जारी किया है. इस मामले पर अब अगली सुनवाई 9 अप्रैल को होगी. सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं में सीएए और नागरिकता संशोधन नियम 2024 को लागू करने पर रोक लगाने की मांग की गई है. 


सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ इन याचिकाओं पर सुनवाई की. पिछले हफ्ते वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष केरल के इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) द्वारा दायर एक याचिका का उल्लेख किया. उन्होंने इसका जिक्र करते हुए कहा कि सीएए लागू करना संदिग्ध लगता है, क्योंकि लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं. 


याचिकाकर्ताओं का कहना है कि सीएए मुस्लिमों के साथ धर्म के आधार पर भेदभाव करता है. यह भी तर्क दिया गया है कि इसके जरिए धार्मिक अलगाव करने की कोशिश की जा रही है. याकिकाकर्ताओं ने कहा है कि सीएए संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत समानता के अधिकार का उल्लंघन करता है. सीएए लागू होने के बाद से ही इसका विरोध किया जा रहा है. इस कानून के सामने आने के बाद से ही इसे धार्मिक विभाजन वाला बताया जा रहा है.


इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के अलावा भी कई प्रमुख लोगों ने सीएए के खिलाफ याचिकाएं दायर की हैं. इसमें तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा, कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश, एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी, असम कांग्रेस नेता देबब्रत सैकिया, गैर सरकारी संगठन रिहाई मंच और सिटीजन्स अगेंस्ट हेट, असम एडवोकेट्स एसोसिएशन और कुछ कानून के छात्र शामिल हैं. 


सीएए को लेकर 2019 में भी जबरदस्त प्रदर्शन देखने को मिले थे. दिल्ली का शाहीन बाग इलाका सीएए प्रदर्शन का केंद्र बन गया था, जहां कई प्रमुख नेताओं ने पहुंचकर प्रदर्शन में हिस्सा लिया था.

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