पटना: बीजेपी से दुश्मनी नहीं कांग्रेस से दोस्ती ! कुछ ऐसी ही तर्ज़ पर चल रहे हैं जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर. आखिर प्रशान्त किशोर की रणनीति क्या है? जेडीयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने राहुल गांधी को शुक्रिया कहा है. कांग्रेस के नेतृत्व में CAA और NRC के खिलाफ बीते सोमवार को राजघाट पर किए गए प्रदर्शन में राहुल-सोनिया गांधी समेत तमाम बड़े नेता मौजूद रहे. इस विरोध प्रदर्शन पर प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर कहा है कि हमें उम्मीद है कि आप कांग्रेस पार्टी को इसके लिए सहमत करेंगे कि कांग्रेस शासित राज्यों में NRC लागू नहीं करने देंगे.


प्रशांत किशोर ने ट्विटर पर लिखा, CAA और NRC के खिलाफ आंदोलन में शामिल होने के लिए शुक्रिया राहुल गांधी. लेकिन आप जानते हैं कि जन आंदोलन के आलावा हमें ऐसे राज्यों की जरूरत है, जो कि एनआरसी को रोकने के लिए उसे 'NO' कह सकें. हमें उम्मीद है कि आप कांग्रेस पार्टी को सहमत करेंगे कि जिन राज्यों में कांग्रेस पार्टी की सरकार है, वे आधाकारिक तौर पर एनआरसी लागू नहीं करने का ऐलान करेंगे.


प्रशांत ने आगे लिखा कि ''कांग्रेस पार्टी की अध्‍यक्ष की ओर से एक आधिकारिक बयान साझा किया जाए जिसमें कांग्रेस शासित राज्‍यों में एनआरसी को नहीं लागू करने का ऐलान हो. मुझे माफ करें, नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ वोट करने से यह रुकेगा नहीं लेकिन राज्‍य अगर एनआरसी को ना कहेंगे तो यह रुक जाएगा. इसलिए भ्रमित न हों.''





प्रशान्त किशोर खुलकर NRC और CAA का विरोध कर रहें हैं. ग़ौरतलब है कि इससे पहले प्रशांत किशोर ने कांग्रेस पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि नागरिकता बिल के विरोध में हो रहे प्रदर्शन में शीर्ष नेतृत्व की ग़ैरमौजूदगी दिख रही है. उन्होंने ट्वीट किया था कि ''सीएए-एनआरसी के खिलाफ नागरिकों की लड़ाई से कांग्रेस और उसका शीर्ष नेतृत्व सड़क से नदारद है. कम से कम आप कांग्रेस के सभी मुख्यमंत्रियों से कह सकते हैं कि वे इस बात की घोषणा करें कि अपने राज्य में एनआरसी लागू नहीं करेंगे. अन्यथा इस प्रकार की बयानबाजी के कोई मायने नहीं रह जाते हैं.''


ग़ौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 20 दिसंबर की देर शाम कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से एक वीडियो ज़ारी किया था जिसमें उन्होंने कहा था कि नागरिकता संशोधन कानून भेदभावपूर्ण है. नोटबंदी की तरह एक बार फिर एक-एक व्यक्ति को अपनी और अपने पूर्वजों की नागरिकता साबित करने के लिए लाइन में खड़ा होना पड़ेगा.


जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर लगातार इस क़ानून को लेकर सोशल मीडिया के ज़रिए विरोध जता रहें हैं. प्रशांत किशोर ने कहा है कि नागरिकता कानून बिल्कुल नागरिकों के ख़िलाफ़ नोटबंदी की तरह है. दरअसल, कांग्रेस पार्टी को एनआरसी मुद्दे पर बीजेपी बैकफुट पर जाने को मजबूर कर देती है. बीजेपी के बड़े नेताओं ने आरोप लगाया था कि एनआरसी कांग्रेस ने अपने कार्यकाल में लाया था. इस पर कांग्रेस पार्टी विरोध तो कर रही है लेकिन बाकी विरोध करने वालों के कंधे पर बंदूक रख कर. प्रशान्त किशोर चाहते हैं कि पूरे देश में इस मुद्दे पर कांग्रेस के नेता भी खुलकर दिखे. वहीं जेडीयू इस मुद्दे पर विपक्ष के साथ न होकर भी साथ दिख रही है. प्रशांत इसी बहाने बीजेपी के विरोधियों को एक मंच पर लाने की पहल कर रहे हैं. यह दिल्ली चुनाव के पहले देश में एक सन्देश देने की कोशिश है.