PFI विवाद: सिब्बल बोले- ‘हादिया की पैरवी के लिए मिला भुगतान, झूठी खबर चलाने वालों पर करूंगा केस’
कपिल सिब्बल ने कहा- 2017 में मैंने हादिया केस जीता तो क्या मुझे पता था कि अमित शाह ग्रह मंत्री हो जाएंगे और शाहीन बाग में प्रदर्शन होगा?सिब्बल ने कहा- जिस चैनल ने यह खबर चलायी है, मैं उनके ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्यवाही करूंगा. मुझे बदनाम करने की हर कोशिश को गंभीरता से लिया जाएगा.
नई दिल्ली: पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएएफआई) से मिले भुगतान विवाद को लेकर कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने बड़ा बयान दिया है. कपिल सिब्बल ने कहा है कि मुझे साल 2017-2018 में उनकी पेशवर कानूनी सेवाओं के लिए पीएफआई की तरफ से भुगतान किया गया था और उस भुगतान का सीएए-विरोधी प्रदर्शनों से कोई लेना-देना नहीं है.
मैंने हादिया के लिए सात बार कोर्ट में बहस की- सिब्बल
पीएएफआई के भुगतान पर सवाल उठाने वाली खबरों को बकवास बताते हुए कपिल सिब्बल ने कहा, ‘’यह मेरी उम्मीदों से परे है, जैसे मुझ पर आरोप लगाए गए हैं. जिन्होंने यह खबर दी उनको पहले अच्छे से काम करना चाहिए था. सुप्रीम कोर्ट में आदिया केस (Love Marriage) आया था. एनआईए ने इसकी जांच की थी. मैंने हादिया के लिए सात बार कोर्ट में बहस की और हम केस जीत गए.’’
मुझे बदनाम करने की कोशिश- सिब्बल
उन्होंने बताया, ‘’जब 2017 में मैंने यह केस जीता तो क्या मुझे पता था कि अमित शाह ग्रह मंत्री हो जाएंगे और शाहीन बाग में प्रदर्शन होगा? जिस चैनल और रिपोर्टरों ने यह खबर चलायी है, मैं उनके ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्यवाही करूंगा. मुझे बदनाम करने की हर कोशिश को गंभीरता से लिया जाएगा."
कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया(पीएफआई) के बैंक खातों का विश्लेषण करते हुए एक बयान जारी किया है, जिसमें मेरे नाम पर 77 लाख रुपये भुगतान का विवरण दिया गया है.
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि कुछ दिन पहले उत्तर प्रदेश में सीएए के खिलाफ हुए हिंसक प्रदर्शनों के केरल के संगठन पीएफआई से तार जुड़े थे. दावा किया गया कि पीएफआई ने सीएए के खिलाफ प्रदर्शनों की फंडिंग की. इस हिंसक प्रदर्शन के आर्थिक लेन-देन को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कथित नोट को लेकर एक न्यूज़ चैनल ने दावा किया कि पीएफआई के 73 बैंक खातों से 120 करोड़ का लेन-देन का इस्तेमाल सीएए विरोध-प्रदर्शन के लिए हुआ और पीएफआई ने करोड़ों रुपए देश के वकीलों को दिए थे और इसमें कुछ सुप्रीम कोर्ट और कांग्रेस के वकील भी शामिल हैं.
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