CAA विरोध प्रदर्शन: हिंसा की खबरों के बीच कहीं लगे हिंदू-मुस्लिम भाई-भाई के नारे तो कहीं प्रदर्शनकारियों ने दिखाई गांधीगिरी
नागरिकता कानून को देशभर में विरोध हो रहा है. इस बीच कुछ ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं जो अहिंसा और भाईचारे का संदेश आगे बढ़ा रही हैं. दिल्ली के जामा मस्जिद पर हिंदू-मुस्लिम-सिख-ईसाई भाई भाई के नारे लगे.
नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन बिल को संसद में पेश किए जाने के बाद से ही इसका विरोध हो रहा है. बिल कानून की शक्ल ले चुका है. देश के अलग-अलग कोने से विरोध प्रदर्शन की तस्वीरें सामने आ रही हैं. राजधानी दिल्ली सहित कई शहरों में हिंसा भी हुई. लखनऊ में एक शख्स तो कर्नाटक के मंगलुरू में दो शख्स को जान गंवानी पड़ी. लखनऊ के हसनगंज में तो पुलिस थाने में आग लगा दी गई. विरोध प्रदर्शन में कई पुलिस वाले भी जख्मी हुए. लेकिन इन सब के बीच कुछ ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं जो चर्चा में हैं.
एक तस्वीर भारतीय समाज के सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश कर रही है जिसकी वजह से पूरी दुनिया में भारत की एक अलग पहचान है. दिल्ली के जामा मस्जिद में प्रदर्शन के दौरान लोगों ने हिंदू-मुस्लिम-सिख-ईसाई भाई भाई के नारे लगाए. प्रदर्शनकारियों ने मौजूदा सरकार को कोसने हुए अपने नारों से एकता का भरपूर संदेश दिया.
दरअसल, आज जुमे की नमाज के बाद दिल्ली की जामा मस्जिद के बाहर नागरिकता कानून के खिलाफ बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी जुटे. इनमें हर मजहब और इलाके के लोग शामिल रहे. दलित नेता चंद्रशेखर संविधान की किताब लेकर पहुंचे. वे पुलिस को चकमा देते हुए इस प्रदर्शन में शामिल हुए. उनके साथ भीम आर्मी के अनेक कार्यकर्ता मौजूद थे.
दूसरी तस्वीर भी दिल्ली की है. इस तस्वीर में प्रदर्शन कर रहे लोगों के हाथों में कई फीट लंबा तिरंगा था, जो भारत की एकता और अखंडता का प्रतीक है. इसके जरिए प्रदर्शनकारी ये पैगाम देने की कोशिश की कि उनका प्रदर्शन शांतिपूर्ण और अहिंसक तरीके से किया जा रहा है. जाहिर है कि देश में प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा की सभी ने एक स्वर में निंदा की है. चाहे पक्ष हो या विपक्ष सभी दल लोगों से यही अपील कर रहे हैं कि हिंसा नहीं होनी चाहिए. तिरंग के साथ प्रदर्शन के जरिए लोग इसी संदेश को आगे बढ़ा रहे थे.
तीसरी तस्वीर भी राजधानी दिल्ली की है. इसमें प्रदर्शन कर रहे छात्र और युवा दिल्ली पुलिस को फूल देते दिखाई दिए. दरअसल छात्र लगातार पुलिस पर बर्बरता का आरोप लगा रहे हैं. खासकर जामिया मिल्लिया इस्लामिया कैंपस के भीतर हुए प्रदर्शन में पुलिस पर ये आरोप लग रहा है कि उन्होंने छात्रों को बुरी तरह पीटा. यहां तक की छात्राओं को भी नहीं बख्शा. लेकिन अब छात्रों और युवाओं की तरफ से पुलिस को फूल दिए जा रहे हैं और इस तरह प्रदर्शनकारी गांधीगिरी की मिसाल पेश कर रहे हैं.
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