साल के आखिरी दिन भी दिल्ली में सीएए के खिलाफ हुए प्रदर्शन, समर्थन में भी नारेबाजी
शाहीन बाग में महिलाओं और कॉलेज विद्यार्थियों समेत बड़ी संख्या लोग प्रदर्शन स्थल पर सीएए का विरोध करने पहुंचे. उनके हाथों में पोस्टर, तख्तियां और तिरंगे थे.
नई दिल्ली: इस साल के आखिरी दिन मंगलवार को कनॉट प्लेस, शाहीन बाग और साकेत समेत दिल्ली के कई स्थानों पर संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ विद्यार्थियों, कार्यकर्ताओं समेत लोगों ने प्रदर्शन किया और उम्मीद जतायी कि नए साल में इस कानून को वापस ले लिया जाएगा.
हालांकि साकेत पीवीआर अनुपम में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन करने पहुंचे कुछ लोगों का सीएए समर्थकों से सामना हो गया.
स्वराज इंडिया के योगेंद्र यादव ने कहा, ‘‘ मैं इस आस से आया हूं कि नए साल में कुछ अच्छा होगा. मैं यहां आया हूं क्योंकि मुझे बताया गया कि जामिया और एएमयू के बाद यदि आपको उम्मीद जगानी है तो शाहीन बाग जाइए.’’
उधर, पीवीआर साकेत अनुपम में जब सीएएए विरोधी तख्तियां लेकर पहुंचे और ‘हम होंगे कामयाब एक दिन’ गीत गाने लगे तो फिल्म देखने पहुंचे लोगों में से अनेक ने ‘ मोदी जिंदाबाद, सीएए जिंदाबाद’ के नारे लगाए.
सीएए विरोधियों में सामाजिक कार्यकर्ता शबनम हाशमी और वकील वृंदा ग्रोवर भी शामिल थीं.
ग्रोवर ने कहा, ‘‘ हमने यह जगह इसलिए चुनी क्योंकि हम अपना विरोध शहर के हर हिस्से में ले जाना चाहते हैं.’’
हाशमी ने कहा, ‘‘ विचार शांतिपूर्ण और कलाकत्मक ढंग से विरोध प्रदर्शन करने का है.’’
उधर, कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क में प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा की अगुवाई में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सीएए, आर्थिक मंदी और अन्य मुद्दों पर सांकेतिक भूख हड़ताल पर बैठने की कोशिश की लेकिन पुलिस उन्हें हिरासत में लेकर मंदिर मार्ग थाने लगे गई.
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