(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
मिसाल: हिंसा के बीच फिरोजाबाद के हाजी कदीर ने सिपाही को दंगाइयों के चंगुल के निकालकर घर में दी शरण
हाजी कदीर ने ना सिर्फ बेहोश हो चुके सिपाही को बेकाबू भीड़ से बचाया बल्कि अपने घर ले जाकर मरहम पट्टी भी की और सादे कपड़े पहनाए. फिर सिपाही अजय को अपना रिश्तेदार बताकर थाना रसूलपुर तक छोड़ आये.
फिरोजाबाद: 20 दिसंबर को नागरिकता कानून के खिलाफ उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में हिंसा भड़क गई थी. इस हिंसा में एक तरफ दंगाई थे और दूसरी तरफ उन्हें रोकती पुलिस. इसी बीच एक ऐसी तस्वीर सामने आयी है, जिसमें यूपी पुलिस के एक सिपाही को दंगाइयों के चंगुल के निकालकर अपने घर में शरण देने वाले हाजी कदीर हिंदुस्तान की विरासत के रूप में सामने आये हैं. कौन हैं हाजी कदीर, कैसे उन्होंने अपनी जान की परवाह किये बगैर सिपाही अजय की जान बचाई? जानें इस रिपोर्ट में.
मस्जिद से दौड़ते हुए आए हाजी कदीर
बता दें कि पिछले शुक्रवार को नागरिकता कानून के विरोध में उत्पात पर आमादा उग्र भीड़ सिपाही अजय को घेर कर बुरी तरह पीटने लगी, जिसकी खबर सुनते ही पास की मस्जिद में नमाज पढ़ते हाजी कदीर दौड़ते हुए आए और अजय को उग्र भीड़ से छुड़ाकर अपने घर ले गए. खुद अजय ने यह बात मीडिया को बताई है.
बेहोश हो चुके सिपाही की मरहम पट्टी भी की
इस दौरान हाजी कदीर ने ना सिर्फ बेहोश हो चुके सिपाही को बेकाबू भीड़ से बचाया बल्कि अपने घर ले जाकर मरहम पट्टी भी की और सादे कपड़े पहनाए. फिर सिपाही अजय को अपना रिश्तेदार बताकर थाना रसूलपुर तक छोड़ आये.
भाईचारे का पैगाम है ऐसी मिसाल
बुधवार को जब हाजी कदीर, सिपाही अजय की वर्दी वापस करने उनके घर गये तो सिपाही का पूरा परिवार हाजी कदीर को फरिश्ता मानकर उनका उनका शुक्रिया अदा करने में जुट गया. एक तरफ जहां पूरे देश में अराजक तत्वों द्वारा हिंसा को भड़काया जा रहा है वहीं दूसरी तरफ ऐसी तस्वीर इस बात की गवाह है कि चाहे जो हो जाए हिंदुस्तान की विरासत अमन और भाईचारे का पैगाम है.
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