नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देश के अलग-अलग राज्यों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. इस बीच जम्मू-कश्मीर के पुंछ की रहने वाली एक महिला खतीजा परवीन को भारत की नागरिकता दी गई है. इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के रहने वाले एक शर्णार्थी अमरनाथ को भी भारत की नागरिकता दी गई है.
पाकिस्तान की खतीजा परवीन ने की थी भारतीय से शादी
खतीजा परवीन को 48 साल बाद भारत की नागरिक कहलाने का हक मिला है. खतीजा परवीन पाकिस्तान की नागरिक थी. साल 1980 में इनकी शादी जम्मू-कश्मीर के पुंछ के रहने वाले मोहम्मद ताज से हुई थी. भारतीय से शादी करने की वजह से खतीजा को वीजा तो फौरन मिल गया, लेकिन भारत की नागरिकता नहीं मिली.
खतीजा ने नागरिकता अधिनियम 1955 के तहत भारत की नागरिकता के लिए आवेदन किया था. दो दिन पहले गृह मंत्रालय ने मानवीय आधार पर इनके आवेदन को मंजूरी दी, जिसके बाद पुंछ के डीसी ने नागरिकता का सर्टिफिकेट देकर इन्हें भारतीय कहलाने का हक दिया.
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44 साल पहले पाकिस्तान से भारत आए थे अमरनाथ
वहीं, यूपी के मुजफ्फरनगर में रह रहे अमरनाथ और उनके भाई 44 साल पहले पाकिस्तान से जान बचाकर भारत आए थे. इन्हें हिंदू होने की वजह से पाकिस्तान में प्रताड़ित किया जा रहा था. अमरनाथ और उनके भाई भारत की नागरिकता के लिए इसे पहले 3 बार आवेदन कर चुके थे लेकिन हुआ कुछ नहीं. अब नए नागरिकता कानून के तहत इनकी अर्जी मंजूर हुई है.
पाकिस्तान की हसीना बेन को भी मिली भारत की नागरिकता
बता दें कि इससे पहले गुजरात सरकार ने पाकिस्तान से आई एक मुस्लिम महिला हसीना बेन को बिना किसी तामझाम के सिर्फ मेरिट और मानवता के आधार पर भारत की नागरिकता दी थी. हसीना बेन मूल रुप से भारत की ही रहनेवाली थीं. साल 1999 में हसीना बेन की शादी हुई और वो पाकिस्तान चली गईं. लेकिन बाद में पति की मौत के बाद हसीना भारत लौट आईं. एक साल पहले पहले उन्होंने भारत की नागरिकता के लिए अर्जी दी. 18 दिसंबर 2019 को गुजरात में उन्हें भारत की नागरिकता का प्रमाणपत्र दिया गया.
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