मुंबई: नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध में दिल्ली के शाहीन बाग में महिलाएं एक महीने से धरने पर बैठी हैं. अब दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर मुंबई में भी 'मुंबई बाग' बनाया गया है. मुंबई के नागपाड़ा इलाके में मोरलैंड रोड पर कल रात दस बजे से एनआरसी और सीएए के विरोध में प्रदर्शन शुरू किया गया. विरोध प्रदर्शन करने वाली ज्यादातर महिलाएं है जो सड़क पर हाथों में तिरंगा, प्ले कार्ड, पोस्टर लेकर बैठी है. विरोध करने वाली महिलाओं और लड़कियों की संख्या सौ से दो सौ के बीच है.
रात के वक़्त जब प्रदर्शन शुरु हुआ तब काफी भीड़ थी, लेकिन सुबह यह संख्या कम हो गई. रात की भीड़ को कंट्रोल करने के लिए मुंबई पुलिस की टीम भी पहुंची. पुलिस ने लोगों को समझाने की कोशिश की ताकि विरोध प्रदर्शन खत्म कराया जाए, लेकिन महिलाओं की तरफ से आज़ादी- आज़ादी के नारे लगाए गए. मुंबई पुलिस के दो डीसीपी और एसीपी भी मौके पर पहुंचे. घंटों की बातचीत के बाद भी पुलिस अधिकारी प्रदर्शन खत्म नहीं करवा पाए.
प्रदर्शन में जमा हुई महिलाएं सामूहिक गीत गाकर, आज़ादी- आज़ादी के नारे लगाकर अपनी बात रख रही हैं. जमा हुई भीड़ के लिए खाने पीने, चाय का इंतजाम किया गया है. धूप से बचने के लिए बड़े छाते भी लगाए गए हैं. महिलाओं और लड़कियों की मांग है कि जब तक नागरिकता कानून वापस नही लिया जाता, एनआरसी लाने का मुद्दा खत्म नहीं होता तब तक धरना जारी रहेगा.
मुंबई पुलिस ने बताया, "इस प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी गई है. पुलिस प्रदर्शन में आ रही प्रदर्शनकारियों की पहचान कर धरने वाली जगह पर बैठने दे रही है. पुलिस ने प्रदर्शन की जगह मोरलैंड रोड के दोनों तरफ बैरिकेड लगा दिया हैं. प्रदर्शनकारियों द्वारा सोशल मीडिया पर 'मुंबई बाग' नाम से संदेश देकर अधिक से अधिक लोगों को बुलाया जा रहा है.
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