नई दिल्ली: नागरिकता कानून को लेकर हिंसा से किसे फायदा होगा. ये सवाल इसलिए क्योंकि दिल्ली के अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली में हिंसा वो लोग फैला रहे हैं जिन्हें इसका फायदा होगा. वैसे बीजेपी कह रही है कि कांग्रेस और आप के लोग इस हिंसा के पीछे हैं.
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दिल्ली के जामिया नगर में हुई हिंसा में दिल्ली पुलिस ने दो एफआईआर दर्ज की है. इन दोनों एफआईआर में कांग्रेस के पूर्व विधायक आसिफ खान का नाम सामने आया है. आसिफ खान दिल्ली के ओखला से कांग्रेस के पूर्व विधायक हैं. इनपर आरोप है कि जामिया में हुई हिंसा में ये दंगाइयों को भड़का रहे थे. अब आसिफ खान सफाई दे रहे हैं और पुलिस पर दंगा कराने का आरोप लगा रहे हैं.
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एफआईआर में आम आदमी पार्टी की स्टूडेंट विंग के सदस्य कासिम उस्मानी का भी नाम है. यही वजह है कि बीजेपी जामिया हिंसा के लिए कांग्रेस और आम आदमी पार्टी पर आरोप लगा रही है. उधर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल हिंसा के लिए इशारों इशारों में बीजेपी को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. केजरीवाल ने कहा है कि जिसको फायदा होगा वही हिंसा करवा रहा है.
उधर सीएए के विरोध में दिल्ली के सीलमपुर और उसके आसपास के इलाकों में कल दोपहर भड़की इस हिंसा में भी कांग्रेस के एक पूर्व विधायक पर आरोप लग रहे हैं. सीलमपुर के इस पूर्व विधायक का नाम है चौधरी मतीन अहमद है. कल रिपोर्टिंग के दौरान ABP न्यूज संवाददाता अंकित गुप्ता को हिंसा वाली जगह पर मतीन अहमद मिले थे.
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सीलमपुर में अभी मोहम्मद इशराक खान विधायक हैं जो आम आदमी पार्टी के हैं. इशराक ने चौधरी मतीन पर आरोप लगाया और उनके कहने पर रैली निकाली गई और उसके बाद सीलमपुर में हिंसा भड़की. ABP न्यूज संवाददाता जैनेंद्र को सीलमपुर में रिपोर्टिंग के दौरान प्रदर्शन कर रहे कुछ ऐसे लोग भी मिले जिन्होंने बताया कि वो सीलमपुर से कांग्रेस के पूर्व विधायक चौधरी मतीन अहमद के कहने पर आए थे. वहीं सरकार बार बार अपील कर रही है कि अफवाहों पर ध्यान न दें क्योंकि नागरिकता संशोधन कानून किसी भी नागरिकता लेने नहीं बल्कि देने का कानून है.
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