CAA Rules In India: असदुद्दीन ओवैसी बोले- CAA गोडसे के विचार पर आधारित, ये मुस्लिमों को सेकेंड क्लास सिटिजन बनाने के लिए लाया गया
CAA Rules: नागरिकता संसोधन अधिनियम (सीएए) से जुड़े नियमों का नोटिफिकेशन जारी होने पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी तीखी प्रतिक्रिया दी है.
Citizenship Amendment Act: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले बीजेपी नीत केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से सोमवार (11 मार्च) को 'नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (CAA), 2019' को लागू करने से जुड़े नियमों को अधिसूचित किए जाने पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की प्रतिक्रिया भी आई है. हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने आरोप लगाया है कि सीएए का उद्देश्य केवल मुस्लिमों को निशाना बनाना है.
CAA को लेकर क्या बोले असदुद्दीन ओवैसी?
असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को X हैंडल पर एक पोस्ट के माध्यम से कहा, ''आप क्रोनोलॉजी समझिए, पहले चुनाव का मौसम आएगा, फिर सीएए के नियम आएंगे.''
उन्होंने कहा, ''सीएए पर हमारी आपत्तियां जस की तस हैं. सीएए विभाजनकारी है और गोडसे की सोच पर आधारित है जो मुसलमानों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाना चाहता था.''
ओवैसी ने लिखा, ''सताए गए किसी भी व्यक्ति को शरण दें लेकिन नागरिकता धर्म या राष्ट्रीयता पर आधारित नहीं होनी चाहिए. सरकार को बताना चाहिए कि उसने इन नियमों को पांच साल तक क्यों लंबित रखा और अब इसे क्यों लागू कर रही है.''
असदुद्दीन ओवैसी का सरकार पर आरोप
असदुद्दीन ओवैसी ने अपनी पोस्ट में लिखा, ''एनपीआर-एनआरसी के साथ, सीएए का उद्देश्य केवल मुसलमानों को लक्षित करना है, इसका कोई अन्य उद्देश्य नहीं है. सीएए एनपीआर एनआरसी का विरोध करने के लिए सड़कों पर उतरे भारतीयों के पास फिर से इसका विरोध करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा.''
Aap chronology samajhiye, pehle election season aayega phir CAA rules aayenge. Our objections to CAA remain the same. CAA is divisive & based on Godse’s thought that wanted to reduce Muslims to second-class citizens.
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) March 11, 2024
Give asylum to anyone who is persecuted but citizenship must…
CAA से किसके लिए नागरिकता पाने का रास्ता खुला?
बता दें कि पिछले महीने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि सीएए के लिए नियम लोकसभा चुनाव से पहले लागू किए जाएंगे. सीएए को 11 दिसंबर, 2019 को संसद ने पारित किया था. इस कानून का काफी विरोध हुआ था. सीएए के प्रावधानों के तहत मुस्लिम समुदाय को छोड़कर तीन पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आने वाले बाकी धर्मों के लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान है. सीएए बीजेपी के 2019 घोषणापत्र में शामिल था.
सीएए लागू करने से जुड़े नियमों को अधिसूचित किए जाने पर अब भारत के तीन मुस्लिम बाहुल्य पड़ोसी देशों से दस्तावेज के बिना आने वाले गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता देने का मार्ग प्रशस्त हो गया है.
कांग्रेस ने सरकार पर लगाया ध्रुवीकरण करने का आरोप
सीएए नियमों की अधिसूचना जारी होने पर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने भी इसकी टाइमिंग पर सवाल करते हुए केंद्र सरकार को घेरा है और ध्रुवीकरण करने का आरोप लगाया है. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव से पहले देश और खासकर पश्चिम बंगाल और असम में ध्रुवीकरण की कोशिश की गई है.
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