Citizenship Amendment Act: केंद्र सरकार ने सोमवार (11 मार्च) को नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 (CAA) लागू कर दिया. ये कानून बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत आए हिंदू, जैन, ईसाई, सिख, बौद्ध और पारसियों को नागरिकता देगा. 


इसके बाद देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन के आसार हैं. इस वजह से दिल्ली , नोएडा समेत असम और अन्य राज्यों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक सीएए लागू होने के बाद देश के लगभग सभी राज्यों में पुलिस अलर्ट पर है. दिल्ली पुलिस की साइबर बिंग भी पूरी तरह सचेत है. देशभर की सुरक्षा एजेंसियों और पुलिस की सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भी नजरें हैं.


आईबी भी अलर्ट पर, सोशल मीडिया पर पैनी नजर


सुरक्षा एजेंसियां इस बात पर नजर रख रही हैं कि सीएए लागू होने के मद्देनजर एंटी सोशल एलीमेंट सोशल मीडिया के जरिए एंटी इंडिया प्रोपेगैंडा न फैलाए. झूठी और भ्रामक पोस्ट न शेयर करे, इसके मद्देनजर दिल्ली एनसीआर समेत देशभर की इंटेलिजेंस विंग और पुलिस अलर्ट है, ताकि किसी तरह की फर्जी अफवाह न फैलने दी जाए और ऐसा करने वालों पर पैनी नजर रखी जाए.


दिल्ली के जामा मस्जिद के बाहर भी दिल्ली पुलिस पेट्रोलिंग करती नजर आई. दरियागंज एसीपी जरनैल सिंह ने कहा कि हमने सीएए के बारे में सभी को यहां समझाया है. मुस्लिम समाज का CAA से कोई लेना देना नहीं है. रमजान का महीना शुरू हो गया है, इसके लिए भी हम पेट्रोलिंग कर रहे हैं. दिल्ली से सटे नोएडा में भी पुलिस अलर्ट पर है, संवेदनशीलता को देखते हुए पैरामिलिट्री, लोकल पुलिस, पीएसी के साथ-साथ इंटेलिजेंस की सभी यूनिट अलर्ट पर है. संवेदनशील इलाकों में पुलिस पेट्रोलिंग की जा रही है.


असम में खास तौर पर अलर्ट है पुलिस


2020 के दौरान सीएए को लेकर सबसे अधिक विरोध प्रदर्शन असम में हुए थे. इसलिए पूर्वोत्तर के इस राज्य में पुलिस अलर्ट पर है वैसे मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने सीएए का स्वागत किया है और स्पष्ट किया है कि राज्य में कानून व्यवस्था की किसी भी तरह की स्थिति नहीं बनेगी. असम पुलिस ने राज्य भर में थानों को अलर्ट किया है और अधिकारियों को खास तौर पर सतर्क करने को कहा है ताकि किसी भी तरह के विरोध प्रदर्शन को रोका जा सके.


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