Citizenship Amendment Act : केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) लागू करने की अधिसूचना जारी कर दी है. इसे लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहले ही विरोध जताया है और साफ कर चुकी हैं कि इससे अगर किसी समुदाय को कोई दिक्कत हुई तो विरोध प्रदर्शन करेंगी.


इस बीच पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में जश्न भी मनाया जा रहा है. चलिए हम आपको बताते हैं कि आखिर नागरिकता अधिनियम है क्या और इसका विरोध क्यों हो रहा है?


पांच प्वाइंट्स में समझें CAA की एबीसीडी


1. सीएए कानून बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत में प्रवेश करने वाले हिंदुओं, जैनों, ईसाइयों, सिखों, बौद्धों और पारसियों को यहां पांच वर्ष निवास करने के बाद भारतीय नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान करता है.


2. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) की अधिसूचना जारी कर दी है. 2019 में संसद से बिल पास होने के बाद राष्ट्रपति की मंजूरी मिली थी. अब इसे लागू कर दिया गया है.


3. आसान भाषा में अगर समझें तो भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से जितने भी अल्पसंख्यक 31 दिसंबर, 2014 को या उससे पहले भारत आए थे, उन्हें अब भारत की नागरिकता मिल जाएगी. उन देशों में जो अल्पसंख्यक (गैर मुस्लिम) की गिनती में है उन्हें ही यहां नागरिकता मिलेगी.


4. राज्यसभा की ओर से 11 दिसंबर, 2019 को सीएए पारित करने के बाद कई राज्यों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुआ था, जिसमें आंदोलनकारियों की सुरक्षा बलों के साथ झड़प हुई थी, जिससे प्रशासन को कई कस्बों और शहरों में कर्फ्यू लगाने के लिए मजबूर होना पड़ा था.


5. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पहले कहा था कि सीएए नियमों को लोकसभा चुनाव से पहले अधिसूचित और लागू किया जाएगा. पश्चिम बंगाल के बनगांव लोकसभा सीट से सांसद और केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने भी घोषणा की थी कि लोकसभा चुनाव से पहले नागरिकता अधिनियम को लागू कर दिया जाएगा.


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