विपक्षी नेताओं ने राष्ट्रपति से की मुलाकात, सोनिया गांधी बोलीं- जामिया में पुलिस की कार्रवाई गलत,आवाज दबा रही सरकार
सोनिया गांधी ने कहा कि जामिया में पुलिस की जो कार्रवाई हुई वो गलत है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार लोगों की आवाज को दबा रही है. उन्होंने राष्ट्रपति से हस्तक्षेप की अपील की. वहीं सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने मांग की कि सरकार नागरिकता संशोधन कानून वापस ले.
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नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून और दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में हुई घटना को लेकर आज विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने विपक्षी दलों के प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई की. इस मुलाकात के बाद सोनिया गांधी ने कहा कि जामिया में पुलिस की कार्रवाई गलत है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार लोगों की आवाज को दबा रही है.
सोनिया गांधी ने कहा, ''एक्ट की वजह से पूर्वोत्तर में जो स्थिति है वो राजधानी सहित पूरे देश में फैल रही है, ये एक बहुत ही गंभीर स्थिति है, हमें डर है कि यह आगे भी फैल सकता है. पुलिस ने जिस तरह से शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वालों के साथ व्यवहार किया उससे हम दुखी हैं.'' इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर और जामिया की हालत चिंताजनक है. विरोध करना लोकतांत्रिक अधिकार है. विपक्षी नेताओं ने राष्ट्रपति से हस्तक्षेप की अपील की. वहीं सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि सरकार नागरिकता संशोधन कानून को वापस ले.
Sonia Gandhi: The situation in the Northeast which is now spreading throughout country including the capital because of the act, is a very serious situation, we fear that it may spread even further.We're anguished at the manner in which police dealt with peaceful demonstration. https://t.co/nzx0InFcFZ pic.twitter.com/Vuu9CCHNP5
— ANI (@ANI) December 17, 2019
कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा, ''हमारे पास दिल्ली में एक उदाहरण है जहां पुलिस ने जामिया महिला छात्रावास में प्रवेश किया और इन्हें बाहर निकाला, छात्रों को बेरहमी से पीटा. मुझे लगता है कि आप सभी ने देखा होगा कि मोदी सरकार को लोगों की आवाज़ बंद करने और कानून लागू करने में कोई दया नहीं है.''
वहीं तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने भी राष्ट्रपति से कानून वापस लेने की सलाह देने की मांग की. समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने कहा, ‘‘हमने राष्ट्रपति से आग्रह किया कि संसद में विधेयक पारित होने के दौरान हमने जो आशंकाएं जताई थीं, वे सही साबित हो रही हैं. यह कानून हमारे देश को विभाजन की ओर ले जा रहा है। सीएए ने जनता के मन में डर पैदा कर दिया है और इसके बुरे नतीजे होंगे। हमारी सरकार देश को तोड़ने का मौका दे रही है.’’ प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस, सीपीएम, सीपीआई, डीएमके, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, आरजेडी, नेशनल कान्फ्रेंस, आईयूएमएल और एआईयूडीएफ समेत कम से कम 12 दल शामिल थे.
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दिल्ली के सीलमपुर में प्रदर्शन, पुलिस पर पथराव
उधर आज दिल्ली के सीलपुर में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर प्रदर्शन हुआ. इस दौरान लोगों ने पुलिस पर पथराव किया, जिसके बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे. प्रदर्शन को देखते हुए सात मेट्रो स्टेशन पर एंट्री और एक्जिट को बंद कर दिया गया. बाद में सीलपुर में एंट्री और एक्जिट को खोल दिया गया. दिल्ली पुलिस के ज्वाइंट कमिश्नर आलोक कुमार ने बताया कि प्रदर्शन के दौरान कुछ पुलिसकर्मी घायल हुए. साथ ही कुछ गाड़ियों को नुकसान पहुंचा है. वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लोगों से अपील की कि वे शांति बनाए रखें. हिंसा से कुछ हासिल नहीं होगा.
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