केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद आईबी मिनिस्टर अनुराग ठाकुर ने इसे लेकर जानकारी दी. उन्होंने बताया कि कैबिनेट ने राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान को 2025 तक बढ़ाने का फैसला किया है. ठाकुर ने बताया कि पंचायती राज को लेकर भी कुछ फैसले लिए गए हैं. इस योजना के तहत अगले चार सालों में 1 करोड़ 65 लाख लोगों को ट्रेनिंग देने का दावा किया गया है. 


अगले चार साल में खर्च होंगे 5,911 करोड़ रुपये
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि, इसमें केंद्र सरकार का हिस्सा 3700 करोड़ रुपये होगा और राज्य सरकारों का हिस्सा 20211 करोड़ रुपये होगा. कुल मिलाकर 5,911 करोड़ रुपये अगले चार सालों में खर्च होंगे. इस स्कीम के माध्यम से 2 लाख 78 हजार रूरल लोकल बॉडीज को सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी. 


अनुराग ठाकुर ने कहा कि, अगर आप तुलना करके देखें तो राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान में जो पहले राशि खर्च हुई थी वो 2364 करोड़ रुपये थे, जिसमें 60 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है. इस योजना के अंतर्गत 1 करोड़ 36 लाख लोगों को प्रशिक्षित किया जा चुका है. अब आगे 1 करोड़ 65 लाख लोगों को और प्रशिक्षित किया जाएगा. इसमें कई तरह के सुधार किए जाएंगे. जिससे नेशनल और लोकल दोनों ही मोर्चों पर खरा उतरा जा सके. 


ग्राम पंचायतों में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल
पंचायतों को लेकर केंद्रीय मंत्री ने बताया कि, 2 लाख 30 हजार ग्राम पंचायतों ने ई-ग्राम स्वराज एप्लीकेशन को इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. जब से मोदी जी की सरकार केंद्र में आई है, तभी से टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है और शहरों और गांवों के बीच की खाई को पाटने का काम किया गया. महात्मा गांधी कहते थे कि भारत गांवों में बसता है, लेकिन आजादी के बाद इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया. 50 फीसदी से ज्यादा महिलाएं पंचायती राज से जुड़ी हुई हैं. जिससे महिला सशक्तिकरण का काम भी हो रहा है. 


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