नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को सरकारी बैंकों -देना बैंक, विजया बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) के विलय को मंजूरी प्रदान कर दी. केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद के मुताबिक, इस विलय से बैंक ऑफ बड़ौदा देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक और 'वैश्विक प्रतिस्पर्धी निकाय' बन जाएगा.


शंकर प्रसाद प्रसाद ने कहा कि इस विलय से कर्मचारियों की छंटनी नहीं होगी, क्योंकि देना और विजया बैंक के कर्मचारियों को बैंक ऑफ बड़ौदा में स्थानांतरित कर दिया जाएगा. पिछले साल सितंबर में सरकार ने बैंकिंग क्षेत्र में समेकन के उद्देश्य से सुधार उपाय लागू किए थे. इस सुधार उपाय के लागू होने से बीओबी देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक बन जाएगा, जिसके पास 14.82 लाख करोड़ रुपये का संयुक्त कारोबार होगा.


बैंकों के विलय का यह फैसला 'वैकल्पिक तंत्र' द्वारा लिया गया है, जिसमें जेटली के अलावा रेल मंत्री पीयूष गोयल और रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण शामिल हैं.


गौरतलब है कि पिछले 21 महीनों में दूसरी बार सरकारी बैंकों का विलय किया जा रहा है. इससे पहले भारतीय स्टेट बैंक के पांच सहयोगी बैंकों और भारतीय महिला बैंक का इसमें एक अप्रैल, 2017 को विलय किया गया था. इसके बाद एसबीआई देश का सबसे बड़ा बैंक बन गया और दुनिया के शीर्ष 50 बैंकों में शामिल हो गया.