नई दिल्ली: सरकार ने नोटबंदी की प्रक्रिया पूरी करने के लिए एक अध्यादेश लाने का फैसला किया है. अध्यादेश के जरिए जहां पुराने नोटों को लेकर रिजर्व बैंक की जवाबदेही खत्म होगी, वहीं तय सीमा से ज्यादा पुराने नोट रखने पर जुर्माना देना पड़ सकता है.
1 रुपये को छोड़ बाकी सभी नोट पर रिजर्व बैंक की गवर्नर की ओर से धारक को छपे रकम के बराबर कीमत अदा करने का वचन दिया जाता है. 8 दिसम्बर के बाद गैर-कानूनी घोषित किए गए 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट के लिए भी ये बात लागू होती है. रिजर्व बैंक की इस जवाबदेही को रिजर्व बैंक कानून 1934 में फेरबदल कर ही खत्म किया जा सकता है. इसी को ध्यान में रखते हुए:-
- कैबिनेट ने बुधवार को हुई बैठक में राष्ट्रपति से एक अध्यादेश जारी करने की सिफारिश की गयी, ताकि पुराने नोट पर रिजर्व बैंक की जिम्मेदारी को खत्म किया जा सके.
- अध्यादेश में उल्लेखित तारीख के बाद पुराने नोट की बदौलत किसी भी तरह की समानांतर व्यवस्था खड़ी नहीं हो सकेगी
जिसके बाद पुराने नोट की कानूनी मान्यता और जवाबदेही पूरी तरह से खत्म हो जाएगी.
अध्यादेश लाने का सबसे बड़ा मकसद रिजर्व बैंक की स्थिति को तो स्पष्ट करना है ही, साथ ही पुराने नोटों के इस्तेमाल पर पूरी तरह से लगाम लगाने के लिए भी उपाय बताने हैं. ये इसलिए भी जरुरी हैं, क्योंकि अभी भी कुछ जगहों पर मजदूरी देने या काले धन को सफेद करने की कोशिश में पुराने नोट का इस्तेमाल हो रहा है.
सूत्रों की मानें तो अध्यादेश के जरिए
- 500 या 1000 रुपये के ज्यादा से ज्यादा 10 नोट रखने की इजाजत होगी
- तय सीमा से ज्यादा नोट पाए जाने की सूरत में कम से कम 5000 रुपये या फिर मिली रकम के 5 गुना बराबर तक के जुर्माने का प्रावधान होगा
- तय सीमा से ज्यादा नोट रखना आपराधिक मामलों की श्रेणी में आएगा और स्थानीय मजिस्ट्रेट के पास इस पर कार्रवाई का अधिकार होगा.
सूत्रों ने ये भी साफ किया कि तय सीमा के भीतर नोट शोध जैसे काम के लिए ही रखे जा सकते हैं.
अध्यादेश में 30 दिसम्बर की तारीख का जिक्र होने से नया विवाद खड़ा हो सकता है. क्योंकि प्रधानमंत्री ने 8 नवम्बर को राष्ट्र के नाम अपने संदेश में कहा था कि ऐसे लोग जो 30 दिसम्बर 2016 तक पुराने नोट किसी कारणवस जमा नहीं कर पाए, उनको 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोट बदलने का एक आखिरी अवसर दिया जाएगा. ऐसे लोग रिज़र्व बैंक के निर्धारित ऑफिस में अपनी राशि एक घोषणा पत्र यानी declaration फॉर्म के साथ 31 मार्च 2017 तक जमा करवा सकते हैं. ऐसे में जाहिर है कि 30 दिसम्बर के बाद की स्थिति को लेकर सरकार को एक नोटिफिकेशन जारी करना पड़ सकता है.
उम्मीद है कि अगले 72 घंटे में सरकार एक नोटिफिकेशन जारी कर ये स्थिति साफ करने की कोशिश करेगी कि 30 दिसम्बर के बाद भी जिनके पास पुराने नोट बचे हैं, उनके लिए रास्ता क्या है. 31 मार्च 2017 तक रिजर्व बैंक के देश भर में फैले 27 दफ्तरों में विशेष शर्तें पूरी करने के बाद ही पुराने नोट जमा कराने की सुविधा दी गयी है. अब नोटिफिकेशन के जरिए इन शर्तों को बारे में जानकारी दी जा सकती है.