नई दिल्ली: मोदी कैबिनेट ने रेलवे के पुनर्गठन को मंगलवार को मंजूरी दे दी जिसमें अब आठ की जगह अध्यक्ष सहित पांच सदस्य होंगे. साथ ही रेलवे की सभी सेवाओं को एकीकृत (merge) करके एक नई सेवा ‘भारतीय रेल सेवा’ बनाने की स्वीकृति दी गई. रेलवे बोर्ड में यातायात, रोलिंग स्टॉक, ट्रैक्शन एंड इंजीनियरिंग के लिए सदस्यों की जगह नवगठित बोर्ड में परिचालन, व्यवसाय विकास, मानव संसाधन, अवसंरचना और वित्त कार्यों के लिए सदस्य होंगे.


भारतीय रेलवे में अभियांत्रिकी, यातायात, यांत्रिक और विद्युत सहित विभिन्न विभागों के लिए मौजूदा आठ सेवाओं की जगह अब केवल एक सर्विस ‘भारतीय रेलवे मैनेजमेंट सर्विस’ (IRMS) होगा.






रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि रेलवे बोर्ड का पुनर्गठन एक ऐतिहासिक फैसला है. रेलवे बोर्ड में चेयरमैन और सीईओ समेत पांच मेंबर होंगे. उन्होंने कहा कि पुनगर्ठित रेलवे बोर्ड विभागों की जटिलताओं से राहत दिलाएगा. उन्होंने स्पष्ट किया कि इसमें किसी की वरीयता से समझौता नहीं होगा. भारतीय रेलवे में दो विभाग रेलवे सुरक्षा बल और चिकित्सा सेवा विभाग होंगे.


उन्होंने कहा कि रेलवे बोर्ड का नेतृत्व रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष (सीआरबी) करेंगे जो मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) होंगे . इसके चार सदस्य एवं कुछ स्वतंत्र सदस्य होंगे. गौरतलब है कि भारतीय रेलवे पर बनी विवेक देबराय समिति ने 2015 में सौंपी अपनी रिपोर्ट में रेलवे बोर्ड के पुनर्गठन की सिफारिश की थी.


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