नई दिल्लीः आज केंद्र सरकार की कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए. कैबिनेट की आर्थिक मामलों की समिति यानी सीसीईए ने आईडीबीआई बैंक में रीकैपिटलाइजेशन के लिए मंजूरी दे दी है. सरकार और एलआईसी, आईडीबीआई बैंक में 9300 करोड़ रुपये की पूंजी डालेंगे. इसमें सरकार की ओर से एकबारगी पुनर्पूंजीकरण के रूप में 4,557 करोड़ रुपये की पूंजी भी शामिल है. इसका मकसद बैंक की कर्ज देने की क्षमता बढ़ाना है. सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने केबिनेट की बैठक के बाद ये जानकारी दी है.
आईडीबाई बैंक में जो 9300 करोड़ रुपये की पूंजी डाली जाएगी उसमें 4700 करोड़ रुपये एलआईसी (लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन) देगी और 4557 करोड़ रुपये सरकार देगी. इसके अलावा भी सरकार ने सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को पेट्रोल में मिश्रण के लिये बेचे जाने वाले एथनॉल की दरों की समीक्षा के लिये एक सुनिश्चित व्यवस्था को मंजूरी देने का एलान किया है.
जनवरी में एलआईसी ने आईडीबीआई बैंक में 51 फीसदी हिस्सा अधिग्रहण कर लिया था और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने इस टेकओवर के बाद आईडीबीआई बैंक को प्राइवेट सेक्टर का लैंडर घोषित किया था.
वित्त वर्ष 2019-20 की अप्रैल-जून तिमाही के लिए आईडीबाई बैंक ने 3800 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया था और इससे पिछले साल की समान तिमाही में बैंक ने 2410 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया था. बैंक की नेट इंटरेस्ट इंकम 11.1 फीसदी गिरकर 1458 करोड़ रुपये पर पहुंच गई थी. वहीं दूसरी तरफ इसी तिमाही में बैंक का ग्रॉस एनपीए तिमाही आधार पर 27.5 फीसदी से बढ़कर 29.1 फीसदी हो गया था. वहीं बैंक का नेट एनपीए में कमी आई थी और ये 10.1 फीसदी के मुकाबले 8 फीसदी पर आ गया था.
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