नई दिल्ली: पूर्व मंत्रियों, सांसदों और नौकरशाहों को जल्द ही सरकारी आवास खाली करना होगा, जहां वह डेरा जमाए बैठे हैं. बुधवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में केंद्र सरकार ने यह फैसला किया और सरकारी आवास खाली करने के लिए 60 की जगह तीन दिन का समय दिया है. सरकारी आवास में रह रहे पूर्व मंत्री और सांसद राहत के लिए सिर्फ हाई कोर्ट में अपील कर सकते हैं.
फिलहाल सरकारी आवास में रह रहे लोग निचली अदालत में जाकर इस ऑर्डर पर रोक लगाने के लिए आवेदन कर सकते हैं. द टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक शहरी विकास मंत्रालय ने सरकारी आवास में तय समय से ज्यादा रहने पर जुर्माने की रकम को बढ़ दिया है.
आपको बता दें कि हर साल दिल्ली में सात से आठ हजार सरकारी आवास खाली किए जाते हैं. इनमें से 20 से 25 फीसदी पर कब्जा जमाए रहते हैं. सूत्रों की माने तो हर साल लगभग 200 अधिकारी रहना जारी रखने के लिए निचली अदालत का रुख करते हैं.
ताजा हालात यह है कि 70 फीसदी अधिकारी सरकारी आवास में तयशुदा वक्त से दो साल अधिक समय तक कब्जा जमाए हुए हैं. हिमाचल प्रदेश के पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह भी निचली अदालत का रुख कर दो साल से अधिक समय से दिल्ली में रह रहे हैं.