सरकार ने बढ़ाई कच्चे जूट की MSP, पिछले साल के मुकाबले इतने की हुई बढ़ोतरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में 2022-23 के लिए कच्चे जूट के न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाए जाने को मंजूरी दी गई.
सरकार ने 2022-23 के लिए कच्चे जूट के न्यूनतम समर्थन मूल्य को मंजूरी दे दी है. अनुमोदन कृषि लागत और कीमतों के लिए आयोग की सिफारिशों पर आधारित है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में 2022-23 के लिए कच्चे जूट के न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाए जाने को मंजूरी दी गई.
कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिशों के आधार पर यह मंजूरी दी गई है. आधिकारिक बयान के अनुसार 2022-23 के सीजन के लिए कच्चे जूट (टीडीएन 5 के समरूप टीडीएन 3) का न्यूनतम समर्थन मूल्य 250 रुपये बढ़ाकर 4,750 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है. यह उत्पादन की अखिल भारतीय भारांश औसत लागत पर 60.53 प्रतिशत लाभ सुनिश्चित करेगा.
Cabinet Committee on Economic Affairs, chaired by PM Modi, today approved MSP for Raw Jute for 2022-23 season. The MSP of Raw Jute (TDN3 equivalent to TD5 grade) has been fixed at Rs 4750 per quintal for the 2022-23 season with an increase of Rs 250 over the previous year.
— ANI (@ANI) March 22, 2022
भारतीय जूट निगम (जेसीआई) मूल्य समर्थन को लेकर केंद्र सरकार की नोडल एजेंसी के रूप में अपना काम करता रखेगा. इस तरह के संचालन में किसी प्रकार का नुकसान होने पर केंद्र सरकार उसकी पूरी भरपाई करेगी. कच्चे जूट के लिए तय एमएसपी बजट 2018-19 में घोषित उत्पादन की अखिल भारतीय भारांश औसत लागत का कम-से-कम 1.5 गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने के सिद्धांत के अनुरूप है.
बयान के अनुसार, ‘‘यह न्यूनतम 50 प्रतिशत लाभ का आश्वासन देता है. यह जूट उत्पादकों को पारिश्रमिक का लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने और गुणवत्ता वाले जूट फाइबर को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण और प्रगतिशील कदमों में से एक है.’’
ये भी पढ़ें- भगवंत मान सरकार का बड़ा तोहफा, पंजाब के ग्रुप सी और ग्रुप डी के 35 हजार अस्थायी कर्मचारियों होंगे परमानेंट
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और आजम खान ने लोकसभा से दिया इस्तीफा