IAF MW Transport Aircraft: भारतीय वायुसेना होगी और ताकतवर, केन्द्र सरकार ने 56 C-295 MW विमान खरीदने को दी मंजूरी
IAF MW Transport Aircraft: सुरक्षा मामलों की समिति ने बुधवार को भारतीय वायुसेना के लिए 56 सी-295 एमडब्ल्यू ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट खरीदने की मंजूरी दे दी है.
![IAF MW Transport Aircraft: भारतीय वायुसेना होगी और ताकतवर, केन्द्र सरकार ने 56 C-295 MW विमान खरीदने को दी मंजूरी Cabinet Committee on Security (CCS) approves procurement of 56 C-295 MW transport aircraft for Indian Air Force IAF MW Transport Aircraft: भारतीय वायुसेना होगी और ताकतवर, केन्द्र सरकार ने 56 C-295 MW विमान खरीदने को दी मंजूरी](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/09/08/9db4b913ab5cf3c1b5b11273a715a958_original.png?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
IAF MW Transport Aircraft: भारतीय वायुसेना को और मजबूत करने की दिशा में केन्द्र सरकार की तरफ से लगातार कदम उठाए जा रहे हैं. इस बीच, सुरक्षा मामलों की मंत्रिमडलीय समिति (Cabinet Committee on Security) ने बुधवार को भारतीय वायु सेना के पुराने एवरो बेड़े को हटाने के लिए 56 सी-295 विमानों की खरीद को मंजूरी दे दी.
रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार 16 विमान एयरबस डिफेंस एंड स्पेस से खरीदे जाएंगे जो उड़ान भरने की स्थिति में होंगे. इसके अलावा 40 विमान कंपनी द्वारा भारत में टाटा के साथ एक समूह (कंसोर्टियम)के हिस्से के तहत बनाए जाएंगे.
रक्षा मंत्रालय ने कहा, "आज, सुरक्षा संबंधी मंत्रिमंडलीय समिति ने भारतीय वायु सेना के लिए एयरबस डिफेंस एंड स्पेस एसए, स्पेन से 56 सी-295एमडब्ल्यू परिवहन विमानों की खरीद के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है." सी-295एमडब्ल्यू विमान नयी तकनीक के साथ 5 से 10 टन क्षमता वाला परिवहन विमान है जो वायुसेना के पुराने पड़ गए एवरो विमान की जगह लेगा.
मंत्रालय ने कहा, "करार पर हस्ताक्षर करने के 48 महीनों के भीतर स्पेन से 16 विमानों की उड़ान भरने की स्थिति में आपूर्ति की जाएगी जबकि 40 विमानों का निर्माण करार पर हस्ताक्षर के 10 वर्षों के भीतर टाटा कंसोर्टियम द्वारा भारत में किया जाएगा."
मंत्रालय ने कहा, "यह अपनी तरह की पहली परियोजना होगी जिसमें एक निजी कंपनी द्वारा भारत में किसी सैन्य विमान का निर्माण किया जाएगा....’’ मंत्रालय के अनुसार इस परियोजना से भारत में एयरोस्पेस क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा और देश भर में फैले कई एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) विमान के कुछ हिस्सों के निर्माण में शामिल होंगे. उम्मीद है कि इससे उच्च कौशल वाले 600 रोजगार, 3000 से अधिक अप्रत्यक्ष रोजगार और मध्यम कौशल के अतिरिक्त 3000 रोजगार सृजित होंगे तथा 42.5 लाख से अधिक कार्य घंटे पैदा होंगे. यह अपने आप में इस तरह का पहला प्रोजेक्ट है, जिसमें भारत के अंदर प्राइवेट कंपनी की तरफ से सैन्य एयरक्राफ्ट तैयार किए जाएंगे. .
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