Maharashtra Cabinet Expansion: अप्रैल के पहले हफ्ते में हो सकता है मंत्रिमंडल विस्तार, देशमुख से छीना जा सकता है गृह मंत्रालय
Maharashtra Government Cabinet Expansion: महाराष्ट्र की सियासत में इस वक्त काफी उथल पुथल मची हुयी है. पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की चिट्ठी के बाद गृहमंत्री अनिल देशमुख सवालों के घेरे में हैं. इस बीच खबर है कि अप्रैल के पहले महीने में महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है. इस खबर के बाद सभी की निगाहें गृहमंत्री की कुर्सी पर लगी हुई हैं.
मुंबई: पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की चिट्ठी के बाद महाराष्ट्र में गृहमंत्री अनिल देशमुख की कुर्सी पर असमंजस बना हुआ है. देशमुख रहेंगे या जाएंगे, इसे लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है. इस बीच एक बड़ी खबर सामने आयी है. अप्रैल के पहले हफ्ते में महाराष्ट्र में मंत्रीमंडल का विस्तार हो सकता है.
इस विस्तार में अनिल देशमुख से गृहमंत्रालय वापस लिया जा सकता है. इसके साथ ही कांग्रेस के कुछ अन्य विधायकों को मंत्री में शामिल कराया जा सकता है. परमबीर सिंह की चिट्ठी के बाद उद्धव सरकार और खासकर एनसीपी पर देशमुख को गृहमंत्रालय से हटाने का दबाव बढ़ता जा रहा है.
महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल विस्तार की बात करें तो सबसे बड़ा गृहमंत्रालय को लेकर ही है, क्या उद्धव ठाठके देशमुख को कुर्सी से हटाएंगे ? सूत्रों के मुताबिक दो नाम रेस में हैं, जयंत पाटिल और डिप्टी सीएम अजित पवार. महाराष्ट्र के सियासी इतिहास की बात करें तो इससे पहले भी जब कांग्रेस और एनसीपी की सरकार के दौरान डिप्टी सीएम के पास ही गृहमंत्रालय रहा है.
इसके साथ ही संजय राठौड़ के इस्तीफे के बाद से वन मंत्रालय भी खाली पड़ा है. वहां भी शिवसेना को एक मंत्री देना है. इस सब के बीच कांग्रेस की बात करें तो वहां पार्टी के अंदर ही काफी खींचतान चल रही है. नितिन राउत के ऊर्जा मंत्रालय को लेकर कांग्रेस में कई दावेदार सामने आए हैं. संभव है कि नाना पटोले को कोई मंत्री पद दिया जा सकता है.
देशमुख पर लगे हैं वाजे के जरिए 100 करोड़ की वसूली के आरोप आरोप और प्रत्यारोप की इस लड़ाई में मुंबई के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह के आरोप उद्धव सरकार के खिलाफ दिख रहे हैं. परमबीर का आरोप है कि देशमुख और वाजे फरवरी के मध्य में मिले थे. मध्य मतलब 15 फरवरी जब देशमुख डिस्चार्ज हो चुके थे.
परमबीर का दावा है कि एक मुलाकात फरवरी के आखिर में भी हुई थी. मतलब जब देशमुख के होम आइसोलेशन की मियाद खत्म होती है. परमबीर सिंह के लेटर बम के बाद धमाके ने महाराष्ट्र की सियासत को हिला कर रख दिया है.
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