नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने आज कैबिनेट बैठक में बड़े फैसले लिए हैं और इसमें से कुछ फैसले सीधे अर्थव्यवस्था से जुड़े हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में यहां हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह जानकारी दी है. कैबिनेट बैठक में आज जो फैसले लिए गए हैं उसके तहत सरकार पांच सरकारी कम्पनियों में अपनी हिस्सेदारी बेचेगी. असम के नुमालीगढ़ रिफाइनरी को छोड़कर बीपीसीएल में, शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, कंटेनर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, टिहरी हाइडल डेवेलपमेंट कॉर्पोरेशन इंडिया लिमिटेड, नार्थ ईस्टर्न पॉवर कॉर्पोरेशन में सरकार अपना हिस्सा बेचने जा रही है.


पांच कंपनियों में होगा विनिवेश
कैबिनेट की बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फेंस में कहा कि कैबिनेट ने कुछ चुनी हुई सरकारी कम्पनियों में हिस्सेदारी बेचने का फ़ैसला किया है लेकिन इनमें सरकार का नियंत्रण बना रहेगा और सरकार की 51 फीसदी हिस्सेदारी बनी रहेगी. भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड यानी (बीपीसीएल) की 53.4 फ़ीसदी हिस्सेदारी बेची जाएगी लेकिन नुमालीगढ़ ( असम ) रिफाइनरी को नहीं बेचा जाएगा, ये रिफायनरी भारत पेट्रोलियम की है. इसे विनिवेश से पहले अलग किया जाएगा. भारत पेट्रोलियम का मैनेजमेंट कंट्रोल ट्रांसफर होगा. निर्मला सीतारमण ने कहा कि बीपीसीएल के निजीकरण से पहले नुमालीगढ़ रिफाइनरी को उससे अलग किया जाएगा और किसी दूसरी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी द्वारा इसका अधिग्रहण किया जायेगा.





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इसके अलावा शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया की 63.5 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का फ़ैसला किया गया है. वहीं कंटेनर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, टिहरी हाइडल डेवेलपमेंट कॉर्पोरेशन इंडिया लिमिटेड, नार्थ ईस्टर्न पॉवर कॉर्पोरेशन को बेचा जाएगा.



सरकार करेगी प्याज का आयात
निर्मला सीतारमण ने आगे बताया कि सरकार 1.2 लाख मीट्रिक टन प्याज़ का आयात करेगी और कैबिनेट ने ये फ़ैसला प्याज़ की महंगाई के चलते लिया है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आपूर्ति बढ़ाने और कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए 1.2 लाख टन प्याज के आयात को मंजूरी दी है. इसके अलावा लद्दाख में national institute of Sowa-rigpa बनेगा जो कि एक तरह की पारंपरिक औषधि है. कैबिनेट ने इन सब फैसलों को मंजूरी दे दी है.


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दिल्ली में अवैध कॉलोनियों पर बिल मंजूर
दिल्ली में अवैध कॉलोनियों को नियमित करने के लिए बिल को कैबिनेट से मंज़ूरी मिल गई है.


टेलीकॉम कंपनियों को बड़ी राहत देने का भी फ़ैसला
संकट से गुज़र रहीं टेलीकॉम कंपनियों को बड़ी राहत देने का भी कैबिनेट ने फैसला लिया है. कैबिनेट ने टेलीकॉम कंपनियों को राहत देते हुए 2020-21 और 2021-22 के लिये स्पेक्ट्रम नीलामी पेमेंट की किस्त को टाल दिया है. सरकार ने वित्तीय संकट से जूझ रही दूरसंचार कंपनियों को राहत देते हुए उनके लिये स्पेक्ट्रम किस्त का भुगतान दो साल के लिए टालने के प्रस्ताव को बुधवार को मंजूरी दे दी. स्पेक्ट्रम के टले भुगतान को शेष बची किस्तों में बिना समय बढ़ाये बराबर बांटा जायेगा. सूत्रों के मुताबिक एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया, रिलायंस जियो को स्पेक्ट्रम पेमेंट पर दो साल रोक की सुविधा से 42,000 करोड़ रुपये की राहत मिलेगी.


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