नई दिल्ली: मोदी सरकार पर ताजा हमला बोलते हुए बीजेपी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने कहा कि पार्टी के सदस्य और कैबिनेट मंत्रियों को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की तरह निडर हो कर बोलना चाहिए. सिन्हा ने अपनी पार्टी के लोगों को लोकतंत्र के लिए आगे आ कर बोलने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि कैबिनेट मंत्रियों को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की तरह अपने डर से छुटकारा पाने के लिए बोलना चाहिए.
बता दें कि शुक्रवार को देश के इतिहास में पहली बार सुप्रीम कोर्ट के चार जजों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी और कोर्ट में अनियमितताओं के कारण चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा से अपने मतभेदों को सार्वजनिक किया था. सुप्रीम कोर्ट के दूसरे वरिष्ठतम न्यायाधीश जे चेलामेश्वर ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि सुप्रीम कोर्ट में सब कुछ ‘‘सही नहीं चल रहा ’’ और बहुत सी ऐसी चीजें हुई हैं जो नहीं होनी चाहिए थीं. उनका कहना है कि जब तक इस संस्था को संरक्षित नहीं किया जाता, इस देश में लोकतंत्र जीवित नहीं रहेगा.
पूर्व केन्द्रीय मंत्री सिन्हा ने चारों न्यायाधीशों के टिप्पणियों के संदर्भ में दावा किया कि वर्तमान माहौल 1975 से 1977 के आपातकाल जैसा है. उन्होंने संसद के छोटे सत्रों पर भी चिंता जताई. सिन्हा ने कहा कि अगर देश की सर्वोच्च न्यायालय व्यवस्थित नहीं है तो लोकतंत्र खतरे में पड़ जाएगा. आपको बता दें कल की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद चारों जजों ने वो चिट्ठी भी सार्वजनिक कर दी थी जो उन्होंने चीफ जस्टिस को लिखी थी. सात पन्नों की चिट्ठी में कई विवादों का जिक्र किया गया था. चिट्ठी में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा पर मनमाने रवैये का जिक्र किया गया है. चिट्ठी में गुजरात का सोहराबुद्दीन एनकाउंटर को लेकर भी विवाद का जिक्र है. सोहराबुद्दीन शेख मुठभेड़ मामले की सुनवाई करने वाले विशेष सीबीआई जज बी एच लोया की संदिग्ध मौत की जांच को लेकर बड़ा विवाद हो गया है. जस्टिस गोगोई ने कहा है कि जजों में विवाद की वजह जज लोया की संदिग्ध मौत का मामला भी है.
सिन्हा ने कहा, ‘‘अगर सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ न्यायाधीश कहते हैं कि लोकतंत्र खतरे है तो हमें उनके शब्दों को बहुत गंभीरता से लेना चाहिए.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हर नागरिक जो लोकतंत्र में विश्वास रखता है, उसे खुलकर बोलना चाहिए. मैं पार्टी(बीजेपी) नेताओं और कैबिनेट के वरिष्ठ मंत्रियों से आगे आकर बोलने के लिए कहूंगा. मैं उनसे डर से छुटकारा पाकर बोलने की अपील करता हूं.’’ सिन्हा ने कहा कि कोर्ट की हालिया संकट को सुलझाना शीर्ष अदालत का काम है.