Cabinet Reshuffle: 4P फॉर्मूले पर प्रधानमंत्री मोदी ने चुनी नई टीम, इन्हें मिला मौका
कैबिनेट में 2 पूर्व IAS, 1 IPS और 1 IFS को शामिल किया जा रहा है. मोदी मंत्रिमंडल में ये पहली बार हो रहा है. जब इतनी बड़ी संख्या में पूर्व ब्यूरोक्रेट को शामिल किया जा रहा है.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार मंत्रिमंडल विस्तार के लिए 4P का फॉर्मूला तैयार किया है. 4P का मतलब है पैशन यानी जुनून, प्रफिशंसी यानी कुशलता, प्रोफेशनल यानी पेशेवर और चौथा P पॉलिटिकल एक्युमेन यानी राजनीतिक कुशलता है. इन चार कसौटियों पर कसकर ही 9 नए मंत्रियों को मंत्रिमंडल में जगह दी गई है.
कैबिनेट में 2 पूर्व IAS, 1 IPS और 1 IFS को शामिल किया जा रहा है. मोदी मंत्रिमंडल में ये पहली बार हो रहा है. जब इतनी बड़ी संख्या में पूर्व ब्यूरोक्रेट को शामिल किया जा रहा है.
आरके सिंह सांसद हैं और पूर्व IAS भी...वो केंद्रीय गृह सचिव भी रह चुके हैं. सत्यपाल सिंह सांसद हैं पूर्व IPS भी....मुंबई के पुलिस कमिश्नर रह चुके हैं.
केरल कैंडर के पूर्व IAS एल्फोंस कननथनम सांसद नहीं हैं. डीडीए के चेयरमैन रह चुके हैं. सर्विस के दौरान दिल्ली में अतिक्रमण अभियान चलाकर मशहूर हुए थे. इसके अलावा हरदीप सिंह पुरी वो भी सांसद नहीं हैं. ब्रिटेन और ब्राजील में राजदूत रह चुके हैं.
इन चारों को चुनने के पीछे मोदी सरकार का मकसद है कि इनकी नौकरशाहों पर अच्छी पकड़ होगी, ताकि अफसरों से समय पर और सख्ती से काम लिया जा सके.
राजनीतिक कुशलता को ध्यान में रखते हुए भी मोदी और अमित शाह ने वरिष्ठ सांसदों को मंत्रिमंडल में जगह दी
- अश्विनी चौबे- बिहार के बक्सर से सांसद है. 8 साल तक वो बिहार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं
- वीरेंद्र कुमार- लगातार 6 बार से एमपी के टीकमगढ़ से सांसद हैं और इकनॉमिक्स में एमए हैं और पीएचडी भी किया है.
- शिव प्रताप शुक्ला- नेता के अलावा वकील और सामाजिक कार्यकर्ता रहे हैं. यूपी में 8 साल तक कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं
- अनंत कुमार हेगड़े- 5 बार सांसद रह चुके हैं और कृषि विशेषज्ञ माने जाते हैं.
- गजेंद्र सिंह शेखावत- राजस्थान से आते हैं और सोशल मीडिया में काफी सक्रिय हैं. गजेंद्र सिंह फिलॉसफी में एमफिल और एमए की डिग्री हासिल की है.
नए मंत्रियों के चयन में न्यू इंडिया को भी तरजीह नए मंत्रियों को रणनीतिक रूप से अहम मंत्रालयों में लाया जाएगा ताकि लोगों तक सीधे योजनाओं का लाभ पहुंचे. नए मंत्रियों को चुनते वक्त पीएम मोदी ने अपने विजन न्यू इंडिया को भी ध्यान में रखा गया है.
न्यू इंडिया विजन में विकास और गुड गर्वनेंस के साथ-साथ गरीब, शोषित, पीड़ित और वंचित पर ध्यान रखने का नारा पीएम मोदी ने दिया है. इसी मकसद को ध्यान में रखकर मोदी सरकार का तीसरा मंत्रिमंडल विस्तार हो रहा है.