नई दिल्ली: चक्रवात 'उम्पुन' से प्रभावित पश्चिम बंगाल के क्षेत्रों में चल रही है राहत कार्यों की समीक्षा के लिए केंद्रीय कैबिनेट सचिव राजीव गाबा ने आज 5वीं समीक्षा बैठक की इस दौरान केंद्रीय कैबिनेट सचिव सलाह दी कि प्राथमिकता के आधार पर पूरी तरह से बिजली कनेक्टिविटी दूरसंचार सेवा और पेयजल आपूर्ति को बहाल किया जाना चाहिए. केंद्रीय गृह मंत्रालय जल्द ही तूफान से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए एक केंद्रीय टीम पश्चिम बंगाल भेजेगा.


ध्यान रहे कि पिछले सप्ताह पश्चिम बंगाल और उड़ीसा मे सुपर साइक्लोन तूफान के चलते भारी पैमाने पर क्षति हुई थी इसी के तहत केंद्रीय कैबिनेट सचिव ने पश्चिम बंगाल में चल रहे कार्यों की समीक्षा के लिए बैठक बुलाई थी जिसमें पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव भी कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए .


इसके पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ तूफान प्रभावित इलाकों का दौरा किया था और इस हवाई सर्वेक्षण के बाद राज्य सरकार को ₹1000 करोड़ की मदद दी गई थी.


बैठक के दौरान पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव राहत और बहाली के लिए प्रदान किए गए केंद्र के समर्थन के लिए केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया साथ ही यह भी बताया कि अधिकांश क्षेत्रों में दूरसंचार बुनियादी ढांचे की बहाली को और पूर्ण रूप से बिजली देने को प्राथमिकता दी गई है. उन्होंने यह भी बताया कि अधिकांश क्षेत्रों में दूरसंचार कनेक्टिविटी को बहाल कर दिया गया है लेकिन स्थानीय विद्युत वितरण नेटवर्क को नुकसान पहुंचने की वजह से कुछ क्षेत्रों में पूरी तरह से बिजली बहाली नहीं हो पाई है.



इस बीच एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों के साथ सड़क की निकासी में मदद करने के लिए कोलकाता में सेना को तैनात किया गया है. जीर्णोद्धार कार्य में हुई प्रगति को देखते हुए, कैबिनेट सचिव ने सलाह दी कि पूर्ण बिजली कनेक्टिविटी, दूरसंचार सेवा और पेयजल आपूर्ति को प्राथमिकता के आधार पर बहाल किया जाना चाहिए. केंद्रीय कैबिनेट सचिव ने कहा कि केंद्रीय एजेंसियां राज्य द्वारा मांगी गई आवश्यक प्रकार की किसी भी सहायता को देने के लिए पूरी तरह से तैयार है. राज्य की मांग के आधार पर खाद्यान्न के पर्याप्त भंडार को भी आपूर्ति के लिए तैयार रखा गया है.


गृह मंत्रालय जल्द ही नुकसान का आकलन करने के लिए एक केंद्रीय टीम भेजेगा. यह केंद्रीय टीम पश्चिम बंगाल में हुए नुकसान की समीक्षा के बाद अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपेगी और जिस के आधार पर केंद्र सरकार पश्चिम बंगाल सरकार को और कौन सी सहायता प्रदान की जा सकती है इस बारे में निर्णय लेगी.


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