नई दिल्लीः नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने एमआई-17 हेलीकॉप्टरों के उन्नयन (अपग्रेडेशन) कार्यक्रम में अत्यधिक विलंब पर बुधवार को रक्षा मंत्रालय की आलोचना की और कहा कि बेड़ा सीमित क्षमता के साथ उड़ रहा है जिससे वायुसेना की अभियानगत तैयारियों पर असर पड़ रहा है.


संसद में रखी गई रिपोर्ट में कैग ने कहा कि इन हेलीकॉप्टरों की अभियानगत सीमा से संबंधित दिक्कतों से निपटने के लिए 2002 में प्रस्तावित उन्नयन कार्यक्रम 18 साल बाद भी अंजाम पर नहीं पहुंच पाया है.इसमें कहा गया कि परिणामस्वरूप एमआई-17 हेलीकॉप्टर सीमित क्षमता के साथ उड़ान भर रहे हैं जिससे देश की अभियानगत तैयारी के साथ समझौता हो रहा है.


कैग ने कहा, ‘‘खराब योजना और विभिन्न चरणों में अनिर्णय की स्थिति से रक्षा मंत्रालय को 90 एमआई-17 हेलीकॉप्टरों के उन्नयन के लिए एक इजराइली कंपनी के साथ समझौता करने में 15 साल (जनवरी 2017) लग गए.’’


कैग ने पांच यूएवी रोटैक्स इंजनों की आपूर्ति के लिए बढ़ी हुई कीमत-87.45 लाख रुपये प्रति इंजन-में मार्च 2010 में इजराइल एरोस्पेस इंडस्ट्रीज के साथ करार करने पर भारतीय वायुसेना की भी आलोचना की.


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