ट्रेन यात्रियों को मिल रहे खाने में खामियां, कैग की रिपोर्ट में सामने आई ये बात
रेल राज्य मंत्री राजेन गोहांई ने यह भी बताया कि खानपान नीति 2017 के अनुसार, राजधानी, शताब्दी, दूरंतो और दूसरी मेल-एक्सप्रेस गाड़ियों पर आईआरसीटीसी के सुपरवाइजर नियमित आधार पर निगरानी रख रहे हैं.
नई दिल्ली: सरकार ने माना कि भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने अपनी रिपोर्ट में भारतीय रेलों में यात्रियों को मुहैया कराई जा रही खानपान सेवाओं में खामियां उजागर की हैं. वहीं रेल मंत्रालय ने बताया कि पिछले करीब डेढ़ साल में घटिया भोजन परोसे जाने के दो मामलों में रेल यात्रियों के बीमार पड़ने के मामले उसके संज्ञान में आए.
इसी पर रेल राज्य मंत्री राजेन गोहांई ने एक प्रश्न के लिखित जवाब में राज्यसभा को बताया कि कैग ने "भारतीय रेल में खानपान सेवाएं" के संबंध में इस साल 21 जुलाई को अपनी रिपोर्ट संख्या 13 पेश की. इस रिपोर्ट में कैग ने भारतीय रेलों में यात्रियों को मुहैया कराई जा रही खानपान सेवाओं में खामियां उजागर की हैं. उन्होंने बताया कि भारतीय रेलवे ने यात्रियों को गुणवत्तापूर्ण और स्वास्थ्यकर भोजन मुहैया कराने के प्रयास में संस्थागत तंत्र को विकसित किया है. इसके तहत अलग-अलग स्तरों पर नियमित निरीक्षणों के जरिए खानपान सेवाओं पर निगरानी रखी जाएगी ताकि संबंधित शिकायतों का समाधान किया जा सके.
गोहांई ने यह भी बताया कि खानपान नीति 2017 के अनुसार, राजधानी, शताब्दी, दूरंतो और दूसरी मेल-एक्सप्रेस गाड़ियों पर आईआरसीटीसी के सुपरवाइजर नियमित आधार पर निगरानी रख रहे हैं.
दूसरी तरफ लोकसभा में पी वी मिदून रेड्डी के सवाल के जवाब में रेल राज्यमंत्री राजेन गोहांई ने बताया कि इस साल 15 अक्तूबर को तेजस एक्सप्रेस (करमाली-छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनल गाड़ी संख्या 22120) में पहला मामला सामने आया, जिसमें कुछ यात्रियों को फूड प्वाइजनिंग हुआ था. उन्होंने बताया कि दूसरा मामला अजमेर- हैदराबाद एक्सप्रेस में अज्ञात वेंडर द्वारा घटिया खाना परोसे जाने से जुड़ा हुआ है जिसमें यात्री बीमार पड़ गए थे. उन्होंने बताया कि रेलवे के संज्ञान में आए दोनों मामले एक अप्रैल 2016 से 30 नवम्बर 2017 के बीच के हैं.
गोहांई ने बताया कि 27 फरवरी 2017 को नई खानपान नीति भी जारी की गई है ताकि भोजन के स्तर में सुधार लाया जा सके. इसके अलावा खानपान की गुणवत्ता को अपग्रेड करने के उद्देश्य से आईआरसीटीसी नए किचन स्थापित करेगा और मौजूदा किचन अपग्रेड किए जाएंगे.
रेल राज्यमंत्री ने एक और सवाल के जवाब में कहा, रेलवे अपने यात्रियों और रेलवे कॉलोनी में रहने वाले कर्मचारियों को संदूषित जल की आपूर्ति नहीं करता है और क्लोरीकरण संयंत्रों की आपूर्ति के लिए ठेके प्रदान की प्रक्रिया में अनियमितता का कोई मामला सामने नहीं आया है. उन्होंने कहा कि पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय द्वारा जारी किए गए "समान पेयजल गुणवत्ता निगरानी प्रोटोकॉल" को अपनाया गया है.