चेन्नई: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में तमिलनाडु में ठेकेदारों को अनुचित फायदा पहुंचाने के अलावा अतिरिक्त और फालतू खर्च करके सरकारी खजाने को करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचाने का दावा किया गया है. राज्य विधानसभा के पटल पर बृहस्पतिवार को कैग की रिपोर्ट रखी गई. ये नुकसान तमिलनाडु उत्पादन एवं वितरण निगम (31 मार्च 2019 को समाप्त हुए वर्ष के लिए), तमिलनाडु राज्य विपणन निगम, एक बायो पार्क और एक सीमेंट निगम (इन तीनों प्रतिष्ठानों की ऑडिट 31 मार्च 2018 को समाप्त हुए वर्ष के लिए की गई) से संबद्ध हैं.


निजी संगठनों के जरिए चलाए जा रहे TASMAC बार पर अपनी रिपोर्ट में, CAG ने सहमति अवधि से परे लाइसेंस अवधि के विस्तार के मामले में लाइसेंस शुल्क में वृद्धि के लिए समझौते में उपयुक्त खंड की अनुपस्थिति की ओर इशारा किया. इसके परिणामस्वरूप 326 खुदरा वेंडिंग दुकानों से जुड़े बारों में लाइसेंस की विस्तारित अवधि (जुलाई 2016-नवंबर 2017) के दौरान सरकारी खजाने को 18.67 करोड़ रुपये और TASMAC को एजेंसी कमीशन के रूप में 19 लाख रुपये का नुकसान हुआ.


वहीं तमिलनाडु औद्योगिक विकास निगम बायो पार्क (टीआईसीईएल बायो पार्क) पर, 'अपव्यय व्यय' शीर्षक के तहत रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रयोगशाला उपकरणों की खरीद के लिए आवश्यक जनशक्ति को तैनात किए बिना उन्हें संभालने के लिए 17.32 करोड़ रुपये की प्रयोगशाला सुविधाएं चार साल से अधिक बेकार पड़ी रही.


वहीं जहां तक टीएन सीमेंट्स कॉर्पोरेशन का संबंध है, रिपोर्ट में अनुचित फेवर और अनुचित लाभ का हवाला दिया गया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि एक अपात्र एजेंसी की कंसाइनमेंट एजेंट के रूप में नियुक्ति और बिना किसी सुरक्षा के क्रेडिट सुविधा के विस्तार के कारण 4.49 करोड़ रुपये की बकाया राशि की वसूली नहीं हुई.


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