CAIT ने शुरू किया चीनी सामान के बहिष्कार का आंदोलन, आयात में करीब एक लाख करोड़ रुपये की कटौती का लक्ष्य
कैट ने चीन से आयात किए जाने वाले तीन हजार सामानों की लिस्ट तैयार की है, कैट के मुताबिक ये वो सामान है जो भारत में आसानी से मिल जाते हैं और इनके आयात की जरूरत नहीं है.
नई दिल्लीः व्यापारियों के संगठन कैट यानी कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने बुधवार से देश भर में चीनी सामान के बहिष्कार को लेकर एक राष्ट्रीय अभियान ‘भारतीय सामान-हमारा अभिमान’ शुरू किया है. कैट ने दिसंबर 2021 तक चीनी समान के भारत द्वारा आयात में करीब एक लाख करोड़ रुपये की कटौती का लक्ष्य रखा है. वहीं कैट का मानना है कि इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘लोकल पर वोकल’ आह्वान को सफल बनाने में मदद मिलेगी.
कैट इस अभियान को चरणबद्ध तरीके से लागू करेगी. पहले चरण में कैट ने चीन से आयात किए जाने वाले तीन हजार ऐसे सामानों की लिस्ट तैयार की है, जिनके आयात की जरूरत नहीं है, ये समान भारत में भी बनता है और उपलब्ध है. ये तीन हजार समान में कोई तकनीक नहीं है. इन्हें आयात नहीं करने से देश को कोई खासा असर नहीं पड़ेगा.
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के राष्ट्रीय महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, "आज दिल्ली में इस अभियान की शुरुआत हुई है. इस अभियान से हम चीन से एक लाख करोड़ रुपये का आयात 2021 तक खत्म करेंगे. हमने 3 हजार चीजों की लिस्ट तैयार की है जो भारत में बनते है और चीन से लेने की जरूरत नहीं है. ये वो सामान है जो भारत में आसानी से मिल जाएंगे और आयात करने की जरूरत नहीं होगी और ना कोई असर पड़ेगा."
इस अभियान के जरिए कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स न सिर्फ व्यापारियों को चीनी वस्तुएं न बेचने के लिए कहेंगे बल्कि ग्राहकों से भी चीनी समान नहीं लेने को कहेंगे. इसके लिए खास तैयारी भी की गई है.
इस अभियान को सफल बनाने के लिए एक खास मास्क बनाया गया है जिसे व्यापारियों को और ग्राहकों को दिया जाएगा. इस मास्क पर अभियान के बारे में भी जानकारी दी गई है. इसके अलावा एक कप भी तैयार किया गया है जोकि आने वाले समय में ट्रेनों में दिया जाएगा. ये कप करीब 5 करोड़ बनवाए गए हैं. इसमें भारतीय समान को बढ़ावा देने और चीनी सामान ना लेने की अपील है.
चीन से तनातनी के बीच आज से कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने काम शुरू कर दिया है. कैट का दावा है कि सात करोड़ व्यापारी और चालीस हजार से ज्यादा व्यापारी संगठन अभियान में शामिल होंगे. वहीं आगे इसमें लघु उद्योग और ट्रांसपोर्ट जैसे सेक्टर को भी जोड़ा जाएगा. कैट को उम्मीद है देश के लोगों से चीनी वस्तुओं को खरीदने की बजाय स्वदेशी उत्पादों को इस्तेमाल कराने के अपनी इस कोशिश में वे कामयाब होंगे.
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